पचास हजार स्कूल बंद करना चिंताजनक, सरकार के करीब पचास हजार स्कूल बंद किए जाने के निर्णय पर गाजियाबाद पेरेंट एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने गहरी चिंता जतायी हे। उन्होंने कहा कि सरकार की अनदेखी के कारण देश मे सरकारी स्कूलो कि संख्या में लगातार गिरावट आ रही है देश मे प्राइवेट स्कूलों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है जिसके कारण लगातार शिक्षा का व्यवसाईकरण बढ़ता जा रहा है। और देश के अभिभावको को अपने बच्चों के लिए महंगे दामों पर शिक्षा खरीदने के लिए विवश होना पड़ रहा है। वर्ष 2018 -19 की स्कूल शिक्षा विभाग की इकाई यूनाइटेड डिस्ट्रिक्ट इनफार्मेशन सिस्टम फ़ॉर एजुकेशन प्लस की रिपोर्ट में सामने आया है कि देश मे 50 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों को बंद किया गया है, जबकि यह आंकड़ा कोरोना वैश्विक महामारी से पहले का है अब यह आंकड़ा और अधिक बढ़ने की संभावना है जो देश के अभिभावको एवम छात्र -छत्राओ के लिए गहन चिंता का सबब है क्योंकि सरकारी स्कूलों के माध्य्म से ही देश के प्रत्येक बच्चे को सस्ती और सुलभ शिक्षा के सपने को साकार किया जा सकता है केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा विभाग की एक इकाई ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि देश में साल 2018 से 2020 के दौरान हजारों सरकारी स्कूल बंद हो गए. जहां इन वर्षों में सरकारी स्कूल की संख्या में कमी आई है वहीं प्राइवेट स्कूलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. प्राइवेट स्कूलों की संख्या में 3.6 फीसदी वृद्धि हुई है. यह रिपोर्ट केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा विभाग की एक इकाई ‘यूनाइटेड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस’ द्वारा तैयार की गई है. शिक्षा मंत्रालय की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2018-19 में देशभर के सरकारी स्कूलों की संख्या 1,083,678 जो 2019-20 में घटकर 1,032,570 रह गई. इस हिसाब से एकत्र किए गए स्कूलों के रिकार्ड और रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में 51,108 सरकारी स्कूल कम हुए हैं. उत्तर प्रदेश में 26,074 सरकारी स्कूल कम हुए हैं. देश में लगभग 17 करोड़ बच्चे अभी भी शिक्षा के अधिकार पाने से वंचित है जिसे सरकार को गम्भीरता से लेना होगा क्योकि बच्चे ही राष्ट्र की अमूल्य धरोहर होते है ।