पसमांदा मुस्लिमों को मिले आरक्षण, पसमांदा मुस्लिमों को आरक्षण की मांग को लेकर मुस्लिम समाज का बड़ा चेहरा व समाजसेवी आजाद मंसूरी के नेतृत्व में मेरठ में कलेक्ट्रट पर प्रदर्शन कर जिला प्रशासन के माध्यम से पसमांदा मुस्लिम समाज ने राष्ट्रपति को ज्ञपन भेजा। आजाद मंसूरी ने मांग की है कि संख्या बल को देखते हुए उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर के पसमांदा मुस्लिमों को आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने जानकारी दी कि एक साजिश के तहत साल 1951 में तत्कालीन सरकार ने एक साजिश के तहत अध्यादेश लाकर मुस्लिमों को आरक्षण से वंचित कर दिया गया। जबकि आर्थिक हालतों को देखते हुए आरक्षण की सबसे ज्यादा जरूर देश की आजादी के बाद इसी वर्ग को थी, लेकिन कांग्रेस ने साजिश व षड़यंत्र कर आरक्षण से वंचित कर दिया। लेकिन देश भर का मुस्लिम पसमांदा समाज अब जागरूक हो चुका है। साल 1951 में जो साजिश उनके साथ की गई थी उसको लेकर समाज के लोगों में गहरी नाराजगी है। लेकिन साथ ही यह भी सच है कि कांग्रेस ही नहीं गैर कांग्रेस सरकारों ने भी मुस्लिम पसमांदा के साथ किए गए इस अन्याय को दूर करने का प्रयास नहीं किया। लेकिन अब वक्त आ गया है कि मुस्लिम पसमांदा को उनका हक दिया जाए। आरक्षण का लाभ दिया जाना बेहद जरूरी है तभी इस वर्ग का उत्थान हो सकेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर जो अन्याय मुस्लिम पसमांदा के साथ किया, उससे पूरा समाज आहत है। आजाद मंसूरी ने देश की राष्ट्रपति से पसमांदा मुस्लिमों के लिए आरक्षण की व्यवस्था कराकर उनके साथ आजादी के बाद से चल रहे अन्याय का भी समाप्त किया जाए। ज्ञापन देने वालों में आजाद मंसूरी के अलावा शान मोहम्मद, अब्दुल गफ्फार मंसूरी, शहजाद सैफी, मोहम्मद शान, बोबी सलमानी, अनवार अब्बासी, आरिफ मंसूरी, अनीस सैफी, महताब कुरैशी, मा. अंसार, सजाउद्दीन अंसारी, वाजिब अब्बासी, शाकिर हुसैन, सलीम अहमद एडवोकेट, मो. आदिल एडवोकेट, मो. फुरकान एडवोकेट आदि भी शामिल रहे। आजाद मंसूरी ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है राष्ट्रपति उनकी बात सुनेंगी।