PFI पैरोकार वकील के यहां छापा, नई दिल्ली: इंसाफ के तकाजे के नाम पर पीएफआई के पैरोकार अधिवक्ता अंसार इंदौरी के यहां एनआईए ने छापा मारा. अधिवक्ता का आरोप है कि ये छापे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) मामले से संबंधित हैं, जिसे एजेंसी ने पिछले साल दायर किया था. एनआईए शनिवार सुबह करीब 5 बजे इंदौरी के कोटा स्थित आवास पर पहुंची और इसकी छापेमारी करीब तीन घंटे तक जारी रही. एक रिपोर्ट के मुताबिक एनआईए इंदौरी को पूछताछ के लिए एक स्थानीय पुलिस स्टेशन भी ले गई, लेकिन एक घंटे में उन्हें रिहा कर दिया. वकील अंसार इंदौरी ने सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न उच्च न्यायालयों में मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ कई कानूनी लड़ाइयों का नेतृत्व किया है. एजेंसी ने कहा है कि यह मामला सूत्रों से मिली जानकारी से जुड़ा है कि बारां निवासी सादिक सर्राफ और कोटा के मोहम्मद आसिफ समेत पीएफआई के पदाधिकारी, सदस्य और कार्यकर्ता गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल थे. शनिवार की छापेमारी ऐसी ही कानूनी लड़ाई के बाद हुई है. एनआईए द्वारा पिछले साल कुछ पीएफआई नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद कुछ आरोपियों ने राजस्थान हाईकोर्ट में आरोपों को चुनौती दी थी. इंदौरी 7 फरवरी को मामले में बचाव पक्ष के वकील के रूप में प्रस्तुत हुए थे. इंदौरी ने एक न्यूज ऐजेन्सी को बताया, ‘मुझे परेशान करने के लिए छापा मारा गया. मानवाधिकारों के लिए मेरी लड़ाई को देखते हुए यह मुझे डराने या गलत तरीके से फंसाने की कोशिश है.’ अक्टूबर 2021 में, उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ अत्याचारों की जांच के लिए एक फैक्ट-फाइंडिंग दल के साथ त्रिपुरा का दौरा किया था. 2 नवंबर 2021 को प्रकाशित ‘त्रिपुरा में इंसानियत पर हमले, #Muslim Lives Matter’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में राज्य में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा पर प्रकाश डाला गया था. इसके एक दिन बाद उनके और कई अन्य लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम 1967 (यूएपीए) और आईपीसी के कई प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. एक पखवाड़े बाद सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा पुलिस से उनके खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा था. इस मामले में अन्य आरोपियों में वकील मुकेश और पत्रकार श्याम मीरा सिंह शामिल थे.