फेरों तक की मांगी थी मोहलत-इंकार, किसी की बेटी के फेरे होने हैं, इसी के चलते महज एक दिन की मोहलत मौके पर मौजूद अधिकारियों से मांगी गयी थी, लेकिन बेटी के फेरों के नाम पर भी दिल नहीं पसीजा और बुलडोजर चढा दिया। यहां बात की जा रही है मवाना रोड पर मंगलवार को प्रशासन व पुलिस की ओर से चलाए गए ध्वस्तीकरण अभियान की। एनएचएआई इस मार्ग पर सड़क चौडीकरण का काम कर रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं की यहां जहां तक डिमार्केशन किया गया है, वहां तक किए गए निर्माण गिराए जाने थे, लेकिन इसके लिए एक प्रक्रिया है। लोगों का आरोप है कि वो प्रक्रिया तक नहीं अपपायी गयी। किसी प्रकार को नोटिस कार्रवाई से पहले नहीं दिया गया। पुलिस बल की मौजूदगी में संगीनों के साए में जेसीबी मशीने कहर बरपाने लगी। इसी की जद में आया पेराडाइज विवाह मंडप मवाना रोड। इसके मालिक संतीश मंगा चाहते थे कि चंद घंटों की मोहलत मिल जाए। इनकी मदद को मंडप एसोसिएशन के विपुल सिंहल, मनोज गुप्ता आदि तमाम पदाधिकारी पहुंच गए। उन्होंने भाजपा के बड़े नेताओं को फोन भी मिलाया ताकि सतीश मंगा को चंद घंटे की मोहलत दिला दी जाए। अधिकारियों को समझाया लेकिन वो कुछ भी सुनने या समझने को तैयार नहीं थे। विपुल सिंहल ने बताया कि इस विवाह मंडप में बुधवार की सुबह एक बेटी के फेरे होने हैं। यह कार्यक्रम पहले से तय था। इसकी जानकारी भी दी गयी लेकिन मौजूद अधिकारियों ने एक नहीं सुनी और पैराडाइज को मिट्टी में मिला दिया गया। दुख इस बात का नहीं कि वहां पर भाजपा के नेता नहीं पहुंचे, लेकिन इस बात का गिला जरूर किया गया कि जिनके लिए हर समय तैयार रहते हैं आज परेशानी में जब मदद मांगी तो कोई भह आगे नहीं आया। यहां तक की काल भी रिसीव नहीं की।