पहले कान्हा अब राधा छट पूजन, इनके पूरे परिवार पर श्रीधाम वृंदावन के बांके बिहारी और पूरे ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री बरसाने वाली राधा रानी की कृपा भला क्यों न हो। ये श्याम के दिवाने जो ठहरे। मैं बात कर रहा हूं मेरठ के वैश्य समाज का बड़ा चेहरा और बड़ी पहचान और केवल वैश्य समाज ही नहीं, सत्ताधारी भाजपा में भी एक बड़ा नाम सुधीर रस्तौगी और उनकी पत्नी शिप्रा रस्तौगी। सुधीर रस्तौगी केवल भाजपा नेता ही नहीं संयुक्त व्यापार संघ के उपाध्यक्ष भी हैं और शिप्रा रस्तौगी कैँट बोर्ड में बतौर उपाध्यक्ष जिनका शानदार कार्यकाल रहा है। यह तो हुई राजनीतिक पहचान, लेकिन इससे भी इनकी और इनके परिवार की एक ओर पहचान है वो है ये कि श्याम के दिवाने। सुधीर रस्तौगी और शिप्रा रस्तौगी पर श्रीधाम वृंदावन और बांके बिहारी की ऐसी कृपा है कि पता ही नहीं चलता कि बांके बिहारी का बुलावा आ जाए और यह दंपत्ति वृंदावन धाम पहुंच जाएं। इनकी भक्ति की बात करना तो सूर्य को दीया दिखाने सरीखा है वैसे भी बांके बिहारी और राधा रानी के दिवानों की भक्ति का बखान करना किसी के बूते की बात नहीं, लेकिन खबर लिखनी है तो बात तो करनी ही पड़ेगी। जन्माष्टमी पर्व पर जिस प्रकार से इस दंपत्ति ने प्रभु के जन्म से लेकर उनके छट पूजन तक धार्मिक आयोजन किया वह किसी से छिपा नहीं है। खुद बांके बिहारी से भी नहीं। शनिवार को सुधीर व शिप्रा जी ने घर में रूड़की रोड शील कुंज में बने भव्य व अति सुंदर छोटे से मंदिर में श्री राधा जी की अष्टमी का पूजन किया। जिस प्रकार से आमतौर पर घर परिवार में जब किसी बच्चे का जन्म होता है और उसकी छट पर जो भी आयोजन होते हैं उससे कहीं बढ़कर आयोजन सुधीर व शिप्रा रस्तौगी ने किया। मंदिर की अद्भुत छटा और श्रीकृष्ण व राधा रानी के सामने रखे भोजन पदार्थ बहुत ही अद्भुत लग रहे थे। ऐसे भक्तों से दूर बांके बिहारी या राधा रानी भला कैसे रह सकते हैं।