पढ़ाई के साथ खेल भी-योगेश मोहन

पढ़ाई के साथ खेल भी-योगेश मोहन
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पढ़ाई के साथ खेल भी-योगेश मोहन,

अलौकिक 2024ः आईआईएटी एकेडमी के छात्रों ने शानदार प्रस्तुतियों से किया रोमांचित
– छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियां देखकर निरंतर तालियां बजाते रहे दर्शक
– पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी आवश्यकः कुलाधिपति
– एकजुटता की भावना का विकास करते हैं ऐसे कार्यक्रमः मेजर जनरल
मेरठ। अदभुत, अकल्पनीय, अविस्मरणीय, संगीत की लहरियों पर शानदार नृत्य की प्रस्तुति, कभी नन्हें बच्चे की मन मोह लेने वाली प्रस्तुति तो कभी जिम्नास्टिक और योगा के साथ रोमांचित करने वाली खेल प्रतियोगिताएं देख कर दर्शकों के जुबां पर यही तीन शब्द सुनाई दे रहे थे। अवसर था आईआईएटी एकेडमी के एनुअल स्पोर्ट्स डे ‘अलौकिक 2024’ का जिसमें छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियां देखकर दर्शक निरंतर तालियां बजाते रहे।
आईआईएमटी विश्वविद्यालय के विशाल खेल मैदान में आईआईएटी एकेडमी के एनुअल स्पोर्ट्स डे ‘अलौकिक 2024’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मेजर जनरल श्री वूदेव परीदा जनरल ऑफिसर कमांडिंग पश्चिमी यूपी सब एरिया मेरठ कैंट युद्ध सेवा मेडल से सुसज्जित विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल एवं श्रीमती सुजाता परीदा (चेयरपर्सन फैमिली वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन, प्रख्यात शिक्षाविद् ), एवं गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में कर्नल पंकज रावत विशिष्ट सेवा मेडल प्राप्त, आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री योगेश मोहन गुप्ता एवं श्रीमती सौरभ गुप्ता जी, प्रति कुलाधिपति डॉ0 मयंक अग्रवाल, प्रबंध संचालिका श्रीमती पियांशु अग्रवाल जी एवं एकेडमी की प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा जैन जी ने विद्या की देवी सरस्वती मां के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया। उसके बाद एकेडमी की छात्राओं ने सुमधुर सरस्वती वंदना से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह, सैंपलिंग एवं शॉल भेंट स्वरुप प्रदान कर सम्मानित किया गया ।
कार्यक्रम की शुरुआत मार्च पॉस्ट में कदम से कदम मिलाते और देशभक्ति की भावना को व्यक्त करते हुए एनसीसी के उत्साही बच्चे, अपने साजों से वातावरण की सुरमई शाम को तरंगित करते छात्र-छात्राएं, जोश और जज्बे को प्रदर्शित करते उत्साही खिलाड़ी तथा कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों ने अपनी उपस्थिति प्रस्तुत की। ऊर्जा और ज्ञान का प्रतीक टॉर्च लाइटिंग के साथ साथ प्री प्राइमरी के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने पोटली बैलेंसिंग, टाइट रोप टैंगो, वोबी वॉकर्स, बूम ब्रेस्ट रेस में बड़े उत्साह से भाग लिया, दर्शकों ने जोरदार तालियां बजाकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की और सभी बच्चों का उत्साहवर्धन किया। प्राइमरी विंग के छात्र-छात्राओं के लिए 100 मीटर रेस, स्किपिंग रोप, ऑब्सटेकल रेस, अंडर द हर्डल्स, पिक एंड रन, आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। मिडिल विंग और सीनियर विंग के छात्र-छात्राओं के लिए स्लो साइकिलिंग, 100 मीटर रेस, 200मीटर रेस, 400 मीटर की रिले रेस आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। सभी बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए अभिभावकगण लगातार तालियां बजाते रहे।
विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को मुख्य अतिथि एवं अतिथिगणों द्वारा पदक प्रदान किए गए। कार्यक्रम को मनोरंजक बनाने के लिए खेलों के बीच बीच में एकेडमी के छात्र-छात्राओं ने सशक्त भारत, अनेकता में एकता, हमारे जीवन में एक्रो योगा का स्थान और महत्व, जुंबा डांस, ड्रिल, भारतीयों का अंग्रेजों के सामने कभी न हार मानने वाला जज़्बा पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुति एवं अन्य मनभावन प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया तथा तालियां बटोरी। दर्शकों ने आईआईएमटी विश्वविद्यालय के प्रांगण में आईआईएमटी एकेडमी के छात्रों द्वारा प्रस्तुत सभी मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुतियों को अपने मोबाइल मे अविस्मरणीय यादों के रूप में संजोया और अपनी खुशी तालियों द्वारा व्यक्त की।
आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहनजी गुप्ता जी ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए बच्चों के लिए ऐसे कार्यक्रमों का होना आवश्यक बताया। कुलाधिपति महोदय ने कहा की पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी आवश्यक है। कुलाधिपति जी ने बच्चों के साथ उनके अभिभावकों की भी प्रशंसा की जिनके त्याग और समपर्ण से बच्चे आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं जहां पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के साथ खेल-विज्ञान व अन्य विषयों से अपनी प्रतिभा का विकास कर रहे हैं।
मुख्य अतिथि मेजर जनरल श्री वूदेव परीदा ने बच्चों की प्रस्तुति कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा की इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों को स्वस्थ जीवन जीने के साथ उनमें एकजुट होकर कार्य करने की भावना का भी विकास करते हैं।
आईआईएमटी एकेडमी की प्रधानाचार्या सीमा जैन जी ने सभी अतिथियों, अभिभावकगणों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम की सराहना की। कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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