पुलिस जांच में फंसा कैँट बोर्ड स्टाफ, कैंट बोर्ड मेरठ के सेनेट्री सेक्शन का स्टाफ गंभीर आरोपों के चलते पुलिस जांच में फंस गया है। वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले को कैंट बोर्ड के पूर्व सीईओ नागेन्द्र नाथ से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बोर्ड के ए टू जेड के ठेकेदार गौरव चौधरी ने तीन दिन पहले एसएसपी को दिए प्रार्थना पत्र में सेनेट्री सेक्शन के स्टॉफ पर बेहद गंभीर आरोप जिनमें ब्लेक मेल करने व शराब आदि मांगने सरीखे गंभीर आरोप लगाए थे। एसएसपी के आदेश पर थाना सदर बाजार पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मंगलवार को इस मामले में पुलिस ने गौरव चौधरी के बयान दर्ज किए। ठेकेदार ने इन बयानों पर कैंट बोर्ड सेनेट्री सेक्शन के इंस्पेक्टर योगेश यादव व सुपर वाइजर भरत सिंह, पुजेश लोहरे, अनवर, विकास गहलौत, अशोक गहलौत, सुरेश व बाजार चौधरी दुर्गा कन्नौजिया व सोम पर भी ब्लेकमेल करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस का कहना है कि ठेकेदार के आरोपों के बाद अब आरोपियों को बुलाकर उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी ओर इस पूरे प्रकरण के पीछे कैंट बोर्ड सीईओ नागेन्द्र नाथ के खिलाफ योगेश यादव के द्वारा मोर्चा खोले जाने को देखा जा रहा है। नागेन्द्र नाथ के तवादल के बाद योगेश यादव ने तमाम गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ सैन्य प्रशासन से जांच कराए जाने का आग्रह किया था। योगेश ने एू जेड ठेकेदार को नियम विरूद्ध भारी भरकम भुगतान किए जाने सरीखे गंभीर आरोप लगाए है। इसका साइड इफैक्ट यह हुआ कि नागेन्द्र नाथ की कलम ने याेगेश यादव की बर्खास्तगी के आदेश कर दिए। इसी तरह एक लंबा घटनाक्रम चला। जिसका पटाक्षेप अभी होता नजर नहीं आ रहा है। लेकिन यह तय हो गया है कि ए टू जेड का ठेकेदार और कैंट बोर्ड के सेनेट्री सेक्शन के बीच पाला खींच गया है और तनातनी लंबी चलने वाली है। इस सारे प्रकरण में मुख्य भूमिका वर्तमान सीईओ की क्या होगी, सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यही बात है। उनकी भूमिका कुछ भी हो , लेकिन फिलहाल सेनेट्री सेक्शन को ठेकेदार ने पुलिस के फेरों में फंसा दिया है।