पूरा जय प्लाजा ही अवैध, आबूलेन स्थित आवासीय बंगला नंबर 182 जिसमें अब जय प्लाजा बना दिया है, इस जय प्लाजा को कोई एक आध पार्ट या कहें हिस्सा ही मात्र अवैध नहीं है, बल्कि पूरा का पूरा जय प्लाजा ही अवैध है। इस बात की गवाही कैंट बोर्ड की फाइल को यदि जांचा जाए तो खुद ब खुद मिल जाएगी, यह बात अलग है कि इस अवैध इमारत को या कहें जय प्लाजा की तामिर कराने में कैंट बोर्ड के कुछ भ्रष्ट स्टाफ का पूरा योगदान हैं। जय प्लाजा की यदि बात की जाए तो ऐसा नहीं कि इसके अवैध निर्माण को लेकर कैंट बोर्ड के सीईओ या कमांडर स्तर के अफसरों ने कभी यहां अलग-अलग वक्त में किए गए अवैध निर्माणों का संज्ञान नहीं लिया। मेरठ आबूलेन स्थित अवैध कांप्लैक्स जय प्लाजा का समय-समय पर पूर्ववर्ती सीईओ स्तर के अधिकारियों ने इसका संज्ञान भी लिया है और कार्रवाई भी की गयी हैं। यह बात अलग है कि जब भी अवैध कांप्लैक्स जय प्लाजा पर कैंट बोर्ड के कमांडर या सीईओ सरीखे अफसरों ने कार्रबाईया की हैं तब तब उनके जाने के बाद या मामला पुराना हो जाने के बाद अवैध इमारत जय प्लाजा पर जो ध्वस्तीकरण की कार्रवाई आमतौर पर की जानी चाहिए, उसकी फाइलें दबा दी गयीं या सेटिंग गेटिंग के चलते अवैध निर्माण करने वालों ने कार्रवाई की फाइलों को फाइलों की कब्र में दफना दिया, जिसकी वजह से इस अवैध इमारत पर बुलडोजर नहीं चला, इसको बुलडोज नहीं किया जा सका। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इसको कभी बुलडोज नहीं किया जाएगा। कैंट बोर्ड की जानकारी रखने वालों और विधि विशेषज्ञों की मानें तो जिस दिन भी कैंट बोर्ड में डीईओ धनपत राम के मिजाज सरीखे कोई अफसर सीईओ बनकर आ गए उसी दिन यह अवैध इमारत बुलडोज हो जाएगी। इस अवैध इमारत को लेकर ऐसा नहीं कि आरटीआई एक्टिविस्ट कुछ कर रही नहीं रहे हैं। यदि सब कुछ ठीक रहा तो जय प्लाजा को लेकर एक खबर के रूप में धमका न्यूज ट्रेकर ही करेगा। बस थोड़ा सा इंतजार कीजिए और उसके बाद सुनिये धमाके की ऐसी आवाज जो दूर तक सुनाई देगी जब बुलडोजर चलेगा।