रैपिड की सबसे लंबी टनल मेरठ में

रैपिड की सबसे लंबी टनल मेरठ में
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रैपिड की सबसे लंबी टनल मेरठ में, मेरठ टू दिल्ली रैपिड रेल की सबसे लंबी टनल मेरठ में बननी शुरू हो गयी है। इसका काफी तेजी से काम निपटाया जा रहा है।  मेरठ में तीन भूमिगत स्टेशनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। ये तीन भूमिगत स्टेशन हैं – मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल। इन भूमिगत स्टेशनों को आपस में टनल के जरिये जोड़ने का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया है। इसके अंतर्गत सबसे पहले भैंसाली से मेरठ सेंट्रल के बीच सुदर्शन – टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) द्वारा टनल बनाई जा रही है। भैंसाली से मेरठ सेंट्रल के बीच की यह टनल मेरठ में बनाई जाने वाली सबसे लंबी टनल होगी जिसकी लंबाई लगभग 1.8 किमी होगी। भैंसाली से मेरठ सेंट्रल के बीच ट्रेनों के आने और जाने के लिए दो अलग अलग टनल बनाए जाएंगे। आरआरटीएस ट्रेनों के लिए मेरठ में बनाए जा रहे टनल में भैंसाली से मेरठ सेंट्रल के बीच की टनल सबसे लंबी होगी। इसके बाद भैंसाली से बेगमपुल के बीच लगभग 1 किमी लंबी टनल बनायी जाएगी। बेगमपुल स्टेशन से एमईएस कॉलोनी के पहले के नॉर्थ शाफ्ट के बीच लगभग 700 मीटर लंबी टनल बनायी जाएगी। भैंसाली में बेगुमपुल के ओर के टनल निर्माण के लिए उत्तर में एक और लौंचिंग शाफ्ट निर्माणाधीन है जिससे बेगुमपुल की ओर जाने वाली जुड़वां टनल के लिए टनल बोरिंग मशीन- सुदर्शन लॉंच की जाएगी। भैंसाली से बेगमपुल के बीच बनाई जाने वाली इस टनल की लंबाई लगभग एक किमी होगी। इस टनल को बनाने के बाद टीबीएम को बाहर निकालने के लिए बेगमपुल पर रिट्रीविंग शाफ्ट बनाया जा रहा है।  एनसीआरटीसी के कास्टिंग यार्ड में सुनिश्चित और गुणवत्ता नियंत्रण के साथ सुरंग सेगमेंट्स का निर्माण किया जा रहा है। भैंसाली, मेरठ सेंट्रल और बेगमपुल तीनों स्टेशनों का निर्माण टॉप डाउन तकनीक के तहत किया जा रहा है। इन स्टेशनों के निर्माण के लिए डी वॉल पैनलों को लगभग 25 मीटर की गहराई तक (लगभग 7 मंजिल के बराबर) भूमिगत डालकर डी वाल के निर्माण का यह कार्य किया जा रहा है। सभी भूमिगत स्टेशनों की ऊपरी छत का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। टॉप डाउन तकनीक प्रणाली के अनुसार ऊपरी छत के निर्माण कार्य के बाद नीचे की मिट्टी आदि निकाल कर स्टेशन के अन्य लेवल का निर्माण किया जाता है।

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