ऋषभ की जांच क्राइम ब्रांच को, मेरठ छावनी वेस्ट एंड रोड मंदिर मार्ग स्थित ऋषभ एकाडेमी पर लगाए गए आरोपों की जांच वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेरठ ने क्राइम ब्रांच को सौंप दी है। इस आश्य के आदेश सोमवार को एसएसपी ने किए हैं। दरअसल सोमवार को विनय जैन पुत्र स्वर्गीय महावीर जैन निवासी मधुबन कालोनी रेलवे रोड पुलिस कार्यालय पहुंचे और एसएसपी से मिले। बकौल विनय उन्होंने एसएसपी को अवगत कराया कि ऋषभ एकाडेमी में पढ़ने वाले बच्चों को बाजार मूल्य से चालिस फीसदी कम दरों पर पांच साल के लिए पाठ्य पुस्तकें व अन्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पांच साल का एग्रीमेंट सचिव रंजीत जैन ने उनके प्रतिष्ठान से किया था। उन्होंने एसएसपी को बताया कि सचिव रंजीत जैन की गैर मौजूदगी में तत्कालीन संचालक संजय जैन पुत्र नरेन्द्र जैन निवासी चाणक्यपुरी, मृदुल जैन पुत्र राजेश जैन निवासी तिलक पार्क, अजय जैन निवासी दुर्गाबाड़ी व राजेश जैन पुत्र रमेश जैन निवासी मु.नगर, धोखाधड़ी करते हुए पूर्व में हुए करार को अन्य विक्रेता से भारी भरकम कमिशन के लालच में उनके साथ किया गया करार खत्म कर दिया। इस मामले को लेकर मेरठ बुक सेलर एसोसिएशन ने तत्कालीन पदाधिकारियों संजय जैन, अजय जैन, मृदुल जैन व राजेश जैन से जब चर्चा की तो उन्होंने भी करार मानने से साफ इंकार कर दिया। विनय जैन ने एसएसपी को बताया कि इस कृत्य से उन्हें लगभक 84 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने इस मामले की शिकायत सीएम के आईजीआरए पाेर्टल पर भी की थी। उन्होंने एसएसपी को बताया कि उक्त मामले की जांच जब मेरठ पहुंची तो उसमें खेल कर दिया गया। जांच के दौरान उनके बयान तक दर्ज नहीं किए गए। फर्जी साइन कर लीपापोती कर दी गयी। विनय ने बताया कि एसएसपी ने उनकी तमाम बातें ध्यान पूर्वक सुनीं और पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए नए सिरे से जांच के आदेश अब क्राइम ब्रांच काे दिए हैं। इस बीच जानकारी मिली है कि ऋषभ के मवाना कालेज पर DIOS की जांच टीम भी पहुंची है।