सचिन सिरोही का पॉपुलेशन कंट्रोल पर जोर, हिन्दू संगठन के नेता सचिन सिरोही ने पॉपुलेशन कंट्रोल किए जाने की मांग मेरठ में मंगलवार को पुरजोर तरीके से उठायी। इसकों लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर जिला प्रशासन के माध्यम से पीएम को ज्ञापन भेजा गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत जनसंख्या के मामले में सर्वप्रथम है, जो चिंता का विषय बना हुआ है। धार्मिक आधार पर विभाजित हो चुके देश में कुल प्रजनन दर (टीएफआर) में दर्शाई जा रही तथाकथित गिरावट के बावजूद विभिन्न वर्गों के बीच आबादी का सामाजिक संतुलन बिगड़ता जा रहा है। हिंदू नेता और जनसंख्या फाउंडेशन जनसंख्या विस्फोट एवं जनसांख्यिकी संतुलन की समस्या पर कुशल एवं प्रभावी नियंत्रण के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर पिछले 9 सालों से जनसंख्या फाउंडेशन संघर्ष कर रहा है। जनसंख्या विषयक अभियान को भारत सरकार के वरिष्ठ मंत्री व राष्ट्रवादी संगठन के कुछ महत्वपूर्ण सदस्यों का सहयोग मिलता रहा है। वर्ष 2018 में जनसंख्या नियंत्रण कानून विषयक हमारे मांग पत्र पर 125 सांसदों का लिखित समर्थन भी प्राप्त हुआ था। जिससे हमारे संगठन और 4 सांसदों के संयुक्त प्रतिनिधि मंडल द्वारा 9 अगस्त 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति के सामने प्रस्तुत किया गया था। इसके बावजूद अभी तक जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बना। सचिन सिरोही ने मांग की कि भारत सरकार जनसंख्या के उचित समाधान के लिए कानून बनाएं, जो जाति धर्म क्षेत्र व भाषायी बंधनों से मुक्त हों। जनसंख्या कानून दंडात्मक प्रावधान कानून अधिसूचित होने की तिथि के एक वर्ष के पश्चात कानून तोड़कर दूसरी जीवित संतान से अधिक बच्चे की उत्पत्ति करने वाले जैविक माता-पिता पर लागू हो कानून अधिसूचित होने की तिथि से एक साल बाद कानून तोड़कर दूसरी से अधिक संतान उत्पन्न करने वाले दंपत्ति को सरकार द्वारा मिलने वाली सभी सहायता एवं अनुदान समाप्त किया जाए। कानून अधिसूचित होने की तिथि के एक वर्ष के बाद कानून तोड़कर अगली संतान की उत्पत्ति करने पर अपने पद पर नहीं बने रह सके।