सदर जैन मंदिर और मोबाइल मैसेज

बंटी के बयान पर सीओ ने तलब की रिपोट
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सदर जैन मंदिर और मोबाइल मैसेज, मेरठ। सदर दुर्गाबाड़ी स्थित 1008 श्री पारसनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर  के पंच के मोबाइल से वायरल हुआ मैसेज गले की फांस बन गया है। पुलिस ने यह मैसेज फाॅरेसिंक जॉच के लिए भेज दिया है। मसलन किसने किस मोबाइल से यह मैसेज टाइप किया। जिसने सबसे पहले यह मैसेज जिस मोबाइल पर टाइप किया और फिर पहली बार जिस मोबाइल को भेजा। उस मोबाइल से जिस-जिस को यह मैसेज भेजा गया, फॉरेसिंक जाॅच में सब दूध का दूध पानी का पानी हाेने जा रहा है। इसके अलावा इस मैसेज को भेजने वाले ने जिस भाषा का प्रयाेग किया है पुलिस का कहना है कि वह आतंकित करने के अपराध की श्रेणी में आता है। केवल आतंकित करने की श्रेणी भर नहीं बल्कि उससे भी बढ़कर प्रताडित किए जाने की श्रेणी का अपराध उक्त मैसेज काे पुलिस मानकर चल रही है। नाम न छापे जाने की शर्त पर पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि यह गंभीर श्रेणी का अपराध है। इससे इतना तो जाहिर हो गया है कि सदर दुगार्बाड़ी स्थित 1008 श्री पारसनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में जो अब तक काविज रहे हैं मसलन 2016 के बाद से जिनका मंदिर पर आधिपत्य रहा है उन तमाम लोगों ने बड़े घपले और घोटाले किए है। यह पूरा मामला जब जोन के एक बड़े पुलिस अधिकारी के संज्ञान में लगाया गया तो उनकी पह्रली प्रतिक्रिया यही थी कि ये लोग अब तक जेल की सलाखों के पीछे क्यों नहीं पहुंचाए गए हैं। यदि जेल की सलाखों के पीछे नहीं अब तक गए हैं तो इनको बगैर किसी देरी के जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए, यहां तक टिप्पणी की कि यह मामला केवल अपराध तक सीमित नहीं बल्कि मंदिर जी में जो कुछ किया गया है, वह धार्मिक आस्था को आहत करने सरीखा है। जो बड़े और गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। मामले की जांच हालांकि अभी सीओ सदर के आधीन है। माना जा रहा है कि शीघ्र ही कसूरवारों को उनकी सही जगह पहुंचा दिया जाएगा। वो चाहे एक हो या फिर जिन्होंने डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय को चुनाव की कथित झूठी सूचना दी और जिसकाे लेकर डिप्टी रजिस्ट्रार ने बाद में नोटिस भी जारी किए।

प्रेशर बनाने का प्रयास

इस पूरे मामले में अब गडबड़ करने वाले गर्दन में फंदा पड़ता देखकर सदर दुर्गाबाड़ी स्थित 1008 श्री पारसनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर के सदस्य और काले करनामों को उजागर करने वाले सीए डा. संजय जैन पर प्रेशर बनाने में जुट गए हैं। हालांकि समाज उम्मीद कर रहा है कि डा. संजय जैन किसी प्रकार के प्रेशर में आने के बजाए केवल समाज हित सर्वोपरी रखेंगे। सदर जैन समाज का उनसे उम्मीद है कि जिन्होंने मंदिर को लूटा है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतेंगे। सदर जैन समाज के तमाम ऐसे लोग हैं जिनका कहना है जब समझेंगे की अब मंदिर जी को बचाने की यह लडाई निर्णायक मोड पर आ गयी है तब खुलकर सीए डा. संजय जैन के साथ आकर खड़े हो जाएंगे। उनका साफ कहना है कि मंदिर के चुनाव या फिर रिसीवर की नियुक्ति की बात एकदम जायज है क्योंकि पहला काम मंदिर जी को बचाने का है। जिसने भी मंदिर की धनसंदपा लूटी है अपने कारोबार में मंदिर को दान दिया गया सोना लगाया है वो सभी बेनकाब होने चाहिए। भले ही ऐसे लोगों को बार-बार ही जेल क्यों ना भेजना पड़े। मंदिर जी को बचाने की लड़ाई अब इतनी आगे बढ़ चुकी है कि पीछे हटना संभव नहीं है।

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