संत की तरह अलख जगाए हैं दिशा दिनेश, करीब आट्ठाइस से तीस साल का लंबा सफर, ना किसी की मदद न किसी का इंतजार, लेकिन उनका कारवां लगातार बढ़ता ही जा रहा है। शहर, प्रदेश या देश नहीं दुनिया में उनकी कोशिशों के चर्चे हैं। यहां बात की जा रही है सुरभि परिवार के दिनेश तलवार की। देश में सोसाइटी के एक हिस्से को गरीबी, भूखमरी, अभाव ग्रस्त देखकर युवा दिनेश तलवार का ह्दय दृविण हो उठता था। यह बात करीब तीस साल पहले या उससे कम की रही होगी जब उन्होंने शुरूआत की। उस वक्त जनसंख्या नियंत्रण की बात करना गुनाह समझा जाता था। लेकिन दिनेश तलवार इस गुनाह को करने को उतारू थे। शुरूआत उन्होंने कर दी थी। शुरूआत भी ऐसी कि दिशा से शादी हुई, गृहस्थ जीवन शुरू हुआ लेकिन जनसंख्या विस्फोट से देश और दुनिया का सावधान करने की उनकी तपस्या भंग न हो सकी। बल्कि इस तपस्या में जन जन्म जन्मांतर की जीवन संगिनी भी शामिल हो गयी। दिशा तलवार भी कदम से कदम मिलकर जनसंख्या वृद्धि से होने वाले राष्ट्र व्यापी खतरे से सरकार व सिस्टम को जागने का प्रयास कर रही रही थीं, लेकिन हैरानी तो यह कि उनके बच्चे भी इस मुहिम से जुड़ गए। राष्ट्र के लिए जो बात समस्या उसके लिए पूरे परिवार को यूं जुट जाना दिनेश तलवार को संत का दर्जा न दें तो फिर क्या करें। इससे कम कुछ भी कहना उनके प्रयासों की अनदेखी होगी। अब तो अनेक संगठन व संस्थाएं देश व दुनिया में इस खतरे को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं, लेकिन इस पारी की मजबूत शुरूआत दिनेश तलवार ने की थी। उस शुरूआत को मजबूती देने का काम दिशा तलवार ने किया और अब तो बच्चे भी साथ है। जब पूरा परिवार साथ होता है तो कुछ भी नामुम्किन नहीं होता। वहीं दिनेश व दिशा तलवार को सफर आज भी यूं ही जारी है। यह सफर अब किसी परिचय का माेहताज नहीं रह गया है। दिनेश व दिशा तलवार ने पीएम मोदी से मुलाकात का वक्त मांगा है, ताकि अपनी बात को सही प्लेट फार्म तक पहुंचाकर कानून बनाने का रास्ता तैयार करा सकें।