सावधान रहे साइलेंट किलर से-जिंदगी ना मिलेगी दोबारा
-दिल का मामला है-जरा संभाल के-चेंज कर लो लाइफ स्टाइल
-कम उम्र वाले भी नहीं महफूज, कई की अब तक ले चुका है जान
-आंकड़े बता रहे हैं पुरूषों से ज्यादा खतरा महिलाओं की जिंदगी को
ब्लड प्रेशर की नियमित जांच, समय पर दवा, अच्छी नींद और कम सोडियम वाला आहार ब्लड प्रेशर को सामान्य स्तर पर रखने और दिल की जटिलताओं से बचने के कुछ आवश्यक तरीके हैं। तनाव अक्सर ब्लड प्रेशर बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए तनाव को नियंत्रित किया जाना चाहिए।
shekhar sharma
मेरठ। दिल की सेहत का ख्याल रखना सबसे महत्वपूर्ण है. तब यह और भी जरूरी हो जाता है, जब कुछ सालों से कम उम्र के लोग भी गंभीर से गंभीर हार्ट डिजीज की चपेट में आ रहे हैं. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, कई कारण ऐसे हैं, जो हमारे हार्ट को कमजोर बना रहे हैं. पहले दिल की बीमारियां उम्र बढ़ने के साथ आती थी लेकिन अब कम उम्र में ही जानलेवा बन जा रही हैं. बहुत से ऐसे केस कुछ सालों में सामने आए हैं, जब कम उम्र में हार्ट अटैक से कई लोगों की मौत हो गई है. इसलिए दिल का ख्याल (Heart Health) रखना सबसे ज्यादा जरूरी होता है.
हो जाएं सावधान
हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव को दिल का दौरा पड़ने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। कहा गया कि जिम में वर्कआउट के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा। इसके पहले अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला से लेकर और कन्नड़ फिल्मों के मशहूर अभिनेता पुनीत राजकुमार को भी जिम में हार्ट अटैक आने से दोनों की मौत हो गई थी। कम उम्र के लोगों में हृदय संबंधी रोग, हार्ट अटैक से मौत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
महिलाओं को खतरा ज्यादा
महिलाओं में सीवीडी के संकेत और लक्षण
महिलाओं को बिना सीने में तकलीफ के दिल का दौरा पड़ सकता है। 2003 के अध्ययन में सर्वेक्षण में शामिल 29.7 प्रतिशत महिलाओं ने हमले से पहले के हफ्तों में सीने में परेशानी का अनुभव किया। साथ ही 57 फीसदी को हार्ट अटैक के दौरान सीने में दर्द हुआ।
आंकड़ों के मुताबिक पुरुषों की तुलना में महिलाओं के अपने पहले दिल के दौरे से बचने की संभावना कम होती है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि महिलाओं में हृदय रोग के कुछ लक्षण
पुरुषों से भिन्न हो सकते हैं। महिलाओं में “साइलेंट” दिल का दौरा पड़ने या असामान्य लक्षण प्रदर्शित होने की संभावना अधिक होती है।हमें लगता है कि दिल का दौरा अचानक पड़ता है, लेकिन ऐसा नहीं है। 2013 के एक अध्ययन के मुताबिक हार्ट अटैक के लक्षण एक महीने पहले दिखना शुरू हो जाते हैं। मगर ये इतने सामान्य होते हैं कि इन पर गौर कर पाना मुश्किल होता है
- जबड़ों में दर्द
- कंधे में दर्द
- पीठ के ऊपरी भाग में या पेट के ऊपरी भाग में दर्द
- पसीना आना
- चक्कर आना
- बांहों में दर्द होना
नमक और चीनी का अधिक सेवन
नमक और चीनी दोनों का ही अधिक सेवन आपके दिल की सेहत से जुड़ा हैं। नमक बीपी की स्थिति से जुड़ा है तो चीनी या मीठा जुड़ा है डायबिटीज से। बीपी में असंतुलन तो दिल के लिए खतरा हो ही सकता है, साथ ही ब्लड शुगर लेवल का गड़बड़ाना भी दिल के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है। यह एक दिन में नहीं होता, धीरे-धीरे होता है। इसलिए चाहे आप प्री-डायबिटीक की सूची में क्यों न आते हों, मीठे का सेवन कम से कम कर दें
केवल मीठा ही नहीं, इनसे भी सावधान
और हां, डायबिटीज का संबंध केवल मीठे से ही नहीं है। बहुत अधिक तेल-मसाले में बना भोजन, मैदा और चीज़ आदि से बने जंक फूड या पैकेज्ड फ़ूड, कोल्डड्रिंक्स आदि भी डायबिटीज की स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं। शुगर का बढ़ना खून ले जाने वाली धमनियों और नाड़ियों को नुकसान पहुंचा सकता है जो दिल की बीमारियों या हार्ट अटैक तक की वजह बन सकता है।
इन्हें ना करें अनदेखा
हाई बीपी, लो बीपी और कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर को तो हम आसानी से ह्रदय रोग के खतरे से जोड़ लेते हैं। लेकिन इनके अलावा डायबिटीज और इंफेक्शन के साथ ही दांतों की समस्या, स्ट्रेस, फेफड़ों और लिवर से जुड़ी समस्याएं भी दिल को नुकसान पहुंचाने का कारण बन सकती हैं। इसलिए ही कहा जाता है कि आपको सम्पूर्ण मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना चाहिए। जानिए इस बारे में विस्तार से।
दिल की सेहत को कौन पहुंचा रहा नुकसान
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से हार्ट पर बुरा असर पड़ रहा है. दिल से जुड़ी कई ऐसी बीमारियां भी हैं जिनकी चर्चा कम होती है तो ज्यादातर लोग इनसे अनजान होते हैं. इसकी वजह से इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता और ये हार्ट अटैक का कारण (Heart Attack causes) बन सकती है. इसलिए हर किसी को इन समस्याओं के बारें में जानना चाहिए.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
नाेएडा के मेदांता हॉस्पिटल के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डा. संजय मित्तल वाइप्रेसिडेंट क्लिनिकल व प्रिवेंटिव कार्डियालॉजी मेंदाता हार्ट इंस्टीट्यूट से
मेरठ के सरकुलर रोड स्थित शुभम नर्सिंगहोम में इस संवाददाता ने जब बातचीत की तो उन्होंने बताया कि ज्यादातर लोग कार्डियोवैस्कुलर बीमारी (सीवीडी) से अनजान रहते हैं, जो एक मूक हत्यारा है और बिना किसी चेतावनी के हमला करता है। यह पिछले कुछ दशकों में जीवनशैली में बदलाव के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में हृदय रोग से होने वाली सभी मौतों का लगभग पांचवां हिस्सा है।