सेमफोड हॉस्पिटल पर ना लाइसेंस ना एनओसी
सीओएम ने कर दिया लाइसेंस निरस्त-आवास विकास परिषद का ध्वस्तीकरण का एलान
-मरीजों के जीवन से खिलवाड़ पर उतारू हैं संचालक
-फोर्स मिलते ही कर दिया जाएगा जमीदोज
सेमफोड हॉस्पिटल पर ना लाइसेंस ना एनओसी, मेरठ। मरीजों के इलाज का दावा करने वाला सेमफोर्ड हॉस्पिटल की इन दिनों जान पर बनी हुई है। नौचंदी थाना क्षेत्र के गुरूद्वारा रोड स्थित सेमफोर्ड पर न तो स्वास्थ्य विभाग का लाइसेंस ही है और न ही फायर ब्रिगेड की एनओसी बात यहीं तक होती तो भी गनीमत थी, इससे भी बदत्तर स्थिति तो यह कि आवास विकास परिषद ने इसके ध्वस्तीकरण के आदेश कर दिए हैं। फोर्स मिलते ही सेमफोर्ड को जमीदोज कर दिया जाएगा। आवास विकास परिषद के अधीशासी अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि सेमफोर्ड हॉस्पिटल पूरी तरह से अवैध निर्माण है। आवासीय भवन में इसका निर्माण किया गया है। कोई भी आवासीय भवन व्यवसायिक तौर पर प्रयोग नहीं किया जा सकता, लेकिन सेमफोर्ड के संचालकों ने ऐसा किया है। यह बेहद गंभीर मामला है। शासन की गाइड लाइन के मुताबिक इसका ध्वस्त होना तय है। आवास विकास परिषद के अधिकारियाें तो लोगों से यहां तक अपील की है कि इलाज के लिए सेमफोर्ड में न जाए, यह किसी भी वक्त ध्वस्त हो सकता है। प्रशासन से मांगी है फोर्स: अवैध इमारत सेमफोर्ड हॉस्पिटल को गिराने के लिए आवास विकास परिषद के अधिकारियों ने जिला प्रशासन से फोर्स मांगी है। अधीशासी अधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि फोर्स मिलते ही पहला काम अवैध इमारत को ध्वस्त करने का किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने किया लाइसेंस निरस्त: सेमफोर्ड हॉस्पिटल बगैर लाइसेंस के संचालिल किया जा रहा है। मानकों के विपरीत संचालित किए जा रहे इस अवैध हॉस्पिटल का जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी पहले ही लाइसेंस निरस्त कर चुके हैं। यह भी पता चला है कि स्वास्थ्य विभाग इस नर्सिंग होम पर कभी भी सील लगाए जाने की कार्रवाई कर सकता है। क्योंकि जनपद में तमाम अवैध नर्सिंग होमों को लेकर सीएमओ पहले से ही बेहद सख्त हैं। फायर एनओसी तक नहीं: संचालक भले ही कुछ भी दावा करें, लेकिन हकीकत यह है कि सेमफोर्ड के संचालक मरीजों की जान से खिलवाड़ करने के अलावा कुछ भी नहीं कर रहे हैं।जनपद के चीफ फायर आफिसर यानि सीएफओ ने बताया कि नौचंदी थाना क्षेत्र के गुरूद्वारा रोड स्थित सेमफोर्ड हॉस्पिटल ने फायर एनओसी नहीं ली है। यहां इलाज कराना यानि मरीजों के जीवन से खिलवाड़ है। ऐसी तमाम घटनाओं की लंबी फेरिस्त हैं जहां फायर एनओसी नहीं थी और आग हादसों में मरीजों की जान चली गयी। इसलिए इस अस्पताल में मरीज इलाज काे न जाए तो बेहतर है।