शेम ऑन जिला व शहर कांग्रेस, कांग्रेस नेता की पत्नी की माैत की खबर मिली तो कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका का शोक-संदेश तो चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी रहे नफीस को मिला, लेकिन जिला व शहर कांग्रेस अध्यक्ष समेत तमाम नेताओं को नफीस सैफी के इस गम में शामिल होने की फुर्सत नहीं मिली। इससे ज्यादा शर्मनाक बात कम से कम मेरठी कांग्रेसियों के लिए दूसरी नहीं हो सकती। केवल मेरठी कांग्रेसियों के लिए ही शर्म की बात नहीं बल्कि मिशन 2024 की तैयारी में जुटी पूरी कांग्रेस खासतौर से आला कमान के लिए भी यह लज्जित करने वाली बात है कि मेरठ कांग्रेस में अब इस कदर सिर फुटव्वल हो गई है कि मौत की खबर मिलने के बाद भी एक दूसरे के गम में शामिल होने से परहेज बरतने लगे हैं।पिछले दिनों नफीस सैफी की पत्नी इस दुनिया से विदा हो गयी थीं। उन्होंने बताया कि संगठन के सभी पदाधिकारियों को यह दुख भरी खबर उन्होंने दी। पत्नी के इंतकाल की खबर पार्टी नेतृत्व को भी दी गयी, दो दिन बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी व राष्ट्रीय सचिव प्रियंका गांधी का शोक संदेश नफीस सैफी के घर पहुंचा तो उन्हें लगा कि मेरठी कांग्रेसी न सही कम से कम प्रियंका गांधी तो दुख की इस घड़ी में उनके साथ खड़ी हैं। इसी बात से उन्होंने सब्र कर लिया। 22 अगस्त दिन सोमवार की दोपहर नफीस सैफी ने इस संवाददाता को काल कर जिला व शहर कांग्रेस के अध्यक्ष व संगठन के अन्य पदाधिकारियों के उनके गम में शामिल न होने को लेकर अपना दर्द बयां किया। बात वाकई दुखी करने वाली थी। राजनीति में वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। लेकिन जब इस प्रकार की दुख भरी खबरें मिलती हैं तो देश के तमाम दलों के बड़े नेता अपने वैचारिक मतभेदों को दरकिनार कर दुख की ऐसी घड़ी में ढाढस देने के लिए जरूर पहुंचते हैं। राजनीति में ऐसी स्वस्थ्य परंपरा अभी तक कायम रही है, लेकिन मेरठ कांग्रेस में लगता है यह परंपरा दफन कर दी गयी है।