शिक्षा-स्वास्थ्य संवैधानिक हक: सीमा देश के लोगों को निशुल्क शिक्षा व स्वास्थ्य देना सरकारों का दायित्व है। देश की जनता को उनका यह हक सरकार यदि नहीं दे सकती तो गद्दी छोड़ दें। यह गर्जना गाजियाबाद पेरेंट एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा जैन ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर की। जीपीए की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने राष्ट्रीय समाज पार्टी के इस कार्यक्रम में एक देश एक विधान, सबको शिक्षा एक समान के मुद्दे पर अभिभावकों का पक्ष रखा। सभी ने यह माना कि अगर केंद्र व विभिन्न राज्यों की सभी सरकारें यह निश्चय कर लें कि हमारे राष्ट्र के भविष्य हमारे बच्चों की शिक्षा और हमारे बुजुर्गों की चिकित्सा की जिम्मेदारी सत्ता में बैठे जनसेवक सरकार ले तो फिर आम नागरिकों को सरकारों से और बहुत कुछ नहीं चाहिए। क्योंकि शिक्षित व्यक्ति में सत्ता से भी सवाल करने की जाग्रति आ जाती है शायद इसीलिए कोई भी सत्ताधारी राजनीतिक संगठन शिक्षा के क्षेत्र में सुधार एवं सशक्तिकरण से घबराहट महसूस करता है। जीपीए ने कहा कि वह हमेशा अभिभावकों की आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध है और यह शिक्षा क्रांति तब तक चलेगी जब तक सरकारें शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में बाजारीकरण पर रोक नहीं लगाती । साथ ही सभी राजनीतिक दलों से यह मांग की गई कि विभिन्न राज्य बोर्ड की जगह एक राष्ट्रीय बोर्ड के अंतर्गत शिक्षा दी जाये तो सभी को समान शिक्षा मिलने की तरफ़ भारत एक कदम बढ़ेगा। इस अवसर पर महाराष्ट्र के पूर्व केबिनेट मंत्री एवं राष्ट्रीय समाज पार्टी के अध्यक्ष महादेव जानकर जी ने कहा कि उनका राजनैतिक दल सदैव ही पिछड़ों, शोषितों और समाज में हाशिये पर खड़े समुदायों के हक की आवाज उठाता आया है और शिक्षा के सुधार के लिए बढ़िया काम और लगातर जनजागरण करने वाली गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन जैसे जागृत संस्थाओं के साथ इस लड़ाई को राजनीति के अखाड़े में भी पूरी ताकत से लड़ेगा और संगठन का साथ देगा। इस मौके पर सीमा त्यागी , नरेश कुमार , कौशल ठाकुर , बिट्टू चौबे , धर्मेंद्र यादव , रामभूल पाल , विवेक त्यागी आदि उपस्थित रहे ।