शिविर में दी पशुओं के रोगों की जानकारी, सावधानी: पशुओं को गलघोंटू का टीका अवश्य लगवाएं-सरदार बल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ में इफको द्वारा प्रायोजित परियोजना के अंतर्गत शनिवार को गाँव असगरपुर जागीर में पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कृषि विवि के कुलपति डा० आर के मित्तल के मार्गदर्शन में किया गया। अधिष्ठाता डा० राजबीर सिंह ने बताया कि इस परियोजना के माध्यम से अब तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों जैसे मेरठ, मुज़फ्फरनगर, अमरोहा, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर इत्यादि के ग्रामों में कुल २४ शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। परियोजना के प्रभारी पशुपालन विशेषज्ञ डा० अमित वर्मा ने बरसात के मौसम में पशुओं में होने वाली विभिन्न बीमारियों की रोकथाम के लिए पशुओं का टीकाकरण कराने की सलाह दी। इस बीमारी में पशु के गले में सूजन आ जाती है और ज्वर भी बना रहता है। बीमार होने के बाद पशु का उपचार महँगा होता है तथा विशेषकर भैंसों में मृत्यु की सम्भावना भी अधिक होती है। टीकाकरण के अतिरिक्त पशुओं को संतुलित आहार भी देना चाहिए जिससे बरसाती मौसम में पशुओं की प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे। साथ ही पशुओं के लिए स्वच्छ पेयजल तथा आवास भी उपलब्ध कराना चाहिए। शिविर में पशु चिकित्सा महाविद्यालय के विभिन्न विभागों जैसे कि वेटेरिनरी मेडिसिन, सर्जरी, मादा पशुरोग विज्ञान एवं परीजीवी विज्ञान के विशेषज्ञों डा० अमित वर्मा, डा० अरबिंद सिंह, डा० प्रेम सागर मौर्या एवं डा० आशुतोष त्रिपाठी, कपिल, आयुष, अभिषेक इत्यादि ने पशुओं के स्वास्थ्य एवं रक्त नमूनों की जांच की तथा पशुओं में बाँझपन निवारण के लिए उचित उपचार एवं परामर्श दिया। इस स्वास्थ्य शिविर में दी गयी जानकारियों के लिए किसानों व पशु पालकों ने शिविर में आए डाक्टरों व अन्य स्टाफ के साथ ही मोदीपुरम मेरठ स्थित कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन का भी आभार व्यक्त किया। पशु पालकों ने बताया कि गल घोटू बीमारी से अनेक पशुओं की मौत हो जाती है। इन दिनों पशु खासतौर से दूध देने वाला पशु बहुत महंगा होता है। उसको इस जानलेवा बीमारी से कैसे बचाया जाए, यह सब बातें इस पशु शिविर में बतायी गयी है।