सीखचों के पीछे बहनों का बेसब्री से इंतजार

सीखचों के पीछे बहनों का बेसब्री से इंतजार
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सीखचों के पीछे बहनों का बेसब्री से इंतजार,
– सुबह 8 बजे से मुलाकात हो जाएगी शुरू, जेल अफसरों ने किए खास इंतजाम
मेरठ में राखी का दिन और बहनों से दूरी, ये दिन किस्मत किसी को भी ना दिखाए। राखी के दिन का भाई बहनें बेसब्री से इंतजार करते हैं। खासकर वो जो किसी वजह से कारागार में सीखचों के पीछे हैं और अपनी बहनों से अरसे से दूर हैं। उनका चेहरा भी नहीं देखा। ऐसे भाइयों को राखी के दिन का यानी सोमवार को बेसब्री से इंतजार है। जेल प्रशासन भी इससे वाकिफ है, इसलिए राखी के मददेनजर खास इंतजाम किए गए हैं। जेल प्रशासन का प्रयास है कि कोई भी बहन बगैर राखी बांधे मायूम होकर ना लौटे। इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ भी लगाया गया है। वहीं दूसरी ओर जेल अधिकारियों ने बताया कि रक्षा बंधन के मौके परसलाखों के पीछे तमाम भाई अपनी बहन का बेसब्री से इंतजार रहे हैं। वो जेल प्रशासन और बैरक में देखभाल करने वालों से जानकारी ले रहे हैं कि सोमवार को सुबह किस वक्त बहनों से मिलने का सिलसिला शुरू करा दिया जाएगा। बहनों को सामान लाने की अनुमति होगी या नहीं। कितने देर के लिए बहनों से मिलने की इजाजत दी जाएगी। कुछ भाइयों ने बहनों के लिए उपहार का भी इंतजाम किया है। हालांकि जेल में बंद भाई की कलाई राखी के लिए मिल जाना ही बहन के लिए किसी सौगात से कम नहीं।
यदि सब कुछ ठीक रहा तो बहनें जेल में बंद अपने भाईयों को आज पूरे दिन रखी बांध सकेंगी। जेल प्रशासन ने इसके लिए व्यापक इंतजाम किया है। बहनों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए छाया, पेयजल, रोली, चंदन, राखी के अलावा कई अन्य इंतजाम जेल प्रशासन की ओर से रहेगी।
यह पहल जेल में भाइयों की मायूसी को देखते हुए की गई है। इसमें कई समाज सेवी संस्थाएं भी सहयोग का प्रस्ताव जेल प्रशासन को भेज चुकी हैं। पूर्व के सालों में महज चार घंटे का ही समय मिलता था, जिससे कई बहनें मायूस होकर घर लौट जाती थीं। इस बार प्रशासनप का प्रयास है कि कोई भी बहन मासूम न लौटे।
जिला कारागार में इस साल रक्षाबंधन पर कोई भी बहन मासूय होकर नहीं जाएंगी। खाली हाथ भाइयों से मिलने आने वाली बहनों को भाईयों की कलाई पर बांधने के लिए राखी के अलावा मिठाई, अक्षत, रोली की व्यवस्था जेल प्रशासन की ओर से किया गया है। यह सब बहनों को जेल के अंदर मुहैया कराया जाएगा।
साथ ही उस दिन केवल महिलाएं ही जेल में भाइयों से मिलने जा सकेंगी, पुरुषों की मिलाई प्रतिबंधित रहेगी। वही पुरुष अंदर जा सकेंगे, जिनकी बहनें जेल में बंद है। ऐसा पहली बार होगा जब जेल प्रशासन बहनों को इतनी सहूलियत देगा।
ये की गई व्यवस्था
जेल प्रशासन द्वारा सुबह 8 बजे ही मुलाकातियों के लिए काउंटर खोल दिया जाएगा। जहां पर बहनें अपने भाई को राखी बांधने के लिए नाम दर्ज कराएंगी। इसके लिए कारागार प्रशासन ने अतिरिक्त स्टॉफ लगाया है। यहां से उन्हें मुलाकात स्थल भेजा जाएगा।
पूरी जांच पड़ताल के बाद ही अनुमति
भाइयों की कलाई पर राखी बांधने आने वाली बहनें जो सामान लेकर आएंगी उसको पूरी जांच पइसके लिए जेल प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। कारागार प्रशासन राखियों को ही बंदी भाईयों के हाथों बहनें बाधेंगी। एक तरह से बहनों के लिए यह जेल प्रशासन की ओर से एक सौगात है।
रक्षाबंधन के पर्व पर बहनों को मायूस होकर वापस न लौटना पड़े। इसके लिए व्यापक इंतजाम किया गया है। पर्व पर बहनों की ओर से इस्तेमाल की जाने वाली चीजें उन्हें अंदर ही मुहैया करा दी जाएगी। यह बहनों के लिए जेल प्रशासन की ओर से एक सौगात है। -विशेष कुमार शर्मा वरिष्ठ जेल अधीक्षक

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