सॉरी मर रहा हूं-बच्चों का रखना ध्यान

सॉरी मर रहा हूं-बच्चों का रखना ध्यान
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सॉरी मर रहा हूं-बच्चों का रखना ध्यान, सुसाइट नोट का मजमून कुछ ऐसा ही था। मेरठ के सदर थाना क्षेत्र के आबूलेन होटल करनैल के कमरा नंबर  104 में ठहरे बागपत के  नरेश कुमार ने अपनी मौत का जिम्मेदार किसी दिनेश को ठहराते हुए उसको सजा जरूर दिलाए जाने की भी बात कही है। मौत को गले लगाने वाले एक युवा ने मौत को गले लगाने से पहले पत्नी व बच्चे से माफी भी मांगीज है। यह युवक होटल में कमरा लेकर ठहरा था। सोमवार को जब चेक आउट का समय हुआ तो  बार बार फोन करने पर भी कमरे से कोई रिस्पांस नहीं मिला। दोपहर 2 बजे होटल संचालकों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची थाना पुलिस ने कई बार दरवाजा खटखटाया लेकिन अंदर से दरवाजा नहीं खुला न फोन रिसीव हुआ। इसके बाद पुलिस ने कमरे का ताला तोड़कर दरवाजा खुलवाया तो देखा अंदर नरेश कुमार का शव पड़ा था। शव की नाक और सिर से काफी खून बह रहा था। तकिये की तरफ पूरा बिस्तर खून से भरा था। पास ही एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। पुलिस और फोरेंसिक की टीम मौके पर जांच कर रही है। वहीं युवक के परिजनों को भी सूचित कर दिया गया है। पुलिस को कमरे से सुसाइड नोट के साथ शराब की बोतल भी मिली है। माना जा रहा है कि युवक ने सुसाइड करने से पहले शराब पी फिर गोली मार ली। युवक ने जो सुसाइड नोट छोड़ा है उसके अनुसार कानपुर निवासी किसी दिनेश सिंह का नाम सुसाइड नोट में लिखा है। दिनेश सिंह की वजह से सुसाइड कर रहा हूं। युवक ने पत्नी, बच्चों से माफी भी मांगी है। जो सुसाइड नोट पुलिस को कमरे से बरामद हुआ उस पर साइन भी हैं साथ ही 1 जनवरी 2023 की तारीख पड़ी है। माना जा रहा है कि सुसाइड नोट युवक ने रविवार को ही लिख लिया। रविवार रात 8 बजे युवक ने होटल में कमरा लिया था। कमरे में आने के कुछ देर बाद ही उसने यह सुसाइड नोट लिख दिया। यानि नरेश पहले ही आत्महत्या के इरादे से होटल में आया था। माना जा रहा है कि युवक ने तभी होटल में आकर कमरा लिया बाद में सुसाइड नोट लिखा और गोली मार ली। युवक अपने साथ तमंचा भी लेकर आया था।
पुलिस को कमरे से जो सुसाइड नोट मिला है उसमें नरेश ने लिखा कि मेरी हत्या का कारण दिनेश सिंह है जो नियोन स्टील में नौकरी करता है और जेवीटीएस गार्डन छतरपुर में रहता है। दिनेश सिंह कानपुर का निवासी है। दिनेश सिंह ने मुझे आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया।  दिनेश के पास जापान का वीजा है वह देश छोड़कर भाग सकता है। मृतक ने सुसाइड नोट में अपने बेटे वेदांत से माफी मांगी है।  अंत में एक नोट लिखा है जिसमें लिखा है मोटू में हमेशा साथ हूं, बच्चों का ध्यान रखना। लास्ट मे ंसॉरी लिखकर छोड़ा है।

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