35 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य, मेरठ के डिविजनल फारेस्ट ऑफिसर राजेश कुमार आईएफएस का प्रयास है कि इस बार 35 करोड पौधारोपण कर कीर्तिमान स्थापित किया जाए। इसी क्रम में राजेश कुमार की अध्यक्ष्ता में वर्ष 2024-25 में होने जा रहे 35 करोड़ महा पौधरोपण कार्यक्रम को लेकर मेरठ के सभी गैर सरकारी संगठनों के साथ बैठक की गयी।
इस अवसर पर हेल्थ एंड फिटनेस सोसाइटी के अध्यक्ष विपुल सिंघल ने 10 बिंदुओं का सुझाव पत्र देते हुए निम्न सुझाव प्रेषित किये। इन सुझावों में आवास विकास मेरठ के परिक्षेत्र में अनेकों भूखंडों को ग्रीन भूमि की श्रेणी में अंकित किया गया है। इन सभी भूखंड की सूची आवास विकास से प्राप्त कर सभी भूखंड में शहरी वन स्थापित करने की मियावाकी वृक्षारोपण विधि के तहत शहर को हरा भरा किया जाए। मेरठ विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी व गैर सरकारी ग्रीन कगार की श्रेणी के भूखंडों की सूची तैयार की जाए।
इन सभी भूखंडों पर शहरी वन स्थापित करने की मियावाकी वृक्षारोपण विधि के तहत शहर को हरा भरा किया जाए। मेरठ शहर में मुख्यतः तीन नाले आबू नाला 1, आबू नाला 2 व ओडियन नाला है। इन सभी नालों के परिसीमन की जांच की जाए। सभी नालों के दोनों ओर की सरकारी भूमि की पैमाइश कर अतिक्रमण मुक्त करा कर शहरी वन स्थापित किये जायें। शहरी क्षेत्र में अभिलेखों में दर्ज पार्को का निरीक्षण किया जाए। जिन पार्को में अतिक्रमण है उन्हें अतिक्रमण मुक्त कर तथा इस्तेमाल में न आने वाले पार्को पर शहरी वन स्थापित किये जायें । सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा बड़ी संख्या में गत वर्षों से पौधरोपण होता आया है। आवारा पशु द्वारा अधिकांश पौधे नष्ट कर दिए जाते हैं । आवारा पशुओं से शहर को निजात दिलायी जाए। ग्रामीण क्षेत्रो में सरकारी भूमि को चिन्हित कर अधिकांश जगहों पर वन की स्थापना की जाए। अधिकांश सभी गाँव में पौधरोपण करने व पेड़ो को बड़ा करने की दृष्टि से 30 से 40 साल के लिए पट्टो पर भूमि आवंटित की गई थी। इन सभी जगहों पर पेड़ बड़े करने के स्थान पर खेती की जा रही है। ऐसे सभी स्थानों की सूची तैयार कर सरकारी विभाग व गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि के साथ संयुक्त रूप से निरीक्षण किया जाए तथा प्रत्येक ऐसी भूमि पर बोर्ड लगा कर परिसीमन अंकित किया जाए। गाँव के प्रधान, प्राइवेट इंडस्ट्री, समाज सेवी संस्थान अथवा विभिन्न सरकारी महकमों को इन स्थानों पर पौधरोपण करने व उनके संरक्षण की ज़िम्मेदारी दी जाए। सड़क पर भवन निर्माण सामग्री बेचने वाले शहर के प्रदूषण स्तर को बढ़ावा देते हैं। यह सभी कार्य नगर निगम की सहमति से होता प्रतीत होता है । इन सभी निर्माण सामग्री व्यवसाइयों को शहर की परिधि से बाहर स्थानांतरित किया जाए तथा सड़क किनारे ट्री गार्ड लगाकर , नियमित पानी देने की व्यवस्था कर हरा भरा किया जाए। उधारण के तौर पर ट्रांसपोर्ट नगर मेरठ के मुख्य मार्ग के दोनों ओर की भूमि मुख्यतः बागपत रोड से ट्रांसपोर्ट नगर मेरठ की ओर जाने वाला मार्ग, गढ़ रोड हापुड़ अड्डे से काली नदी इत्यादि। शहर व कैंट क्षेत्र में कुछ अधिकारियों के निवास हेतु अंग्रेज़ो के ज़माने से बड़ा क्षेत्र उपलब्ध है। इन बड़े घनी आबादी के क्षेत्रो में अनेको जगह आलू , अनाज व अन्य खेती बारी की जा रही है। इन सभी खाली क्षेत्रो में शहरी वन स्थापित करने की मियावाकी वृक्षारोपण विधि के तहत वृक्षारोपण किया जाए। इन सभी स्थानों पर आवारा पशु की समस्या नही होगी तथा पानी की भरपूर उपलब्धता रहेगी। गाँव व शहर में बने शमशान घाट पर पौधरोपण किया जाए। घर मे किसी की मृत्यु हो जाने पर एक पौधा लगाने व उसके संरक्षण के लिए परिजनों को प्रेरित किया जाए। संस्था सदस्य आपसे अनुरोध करते हैं कि मेरठ को हरा भरा करने के उद्देश्य से व्यापार बंधु बैठक की तर्ज पर हरा भरा मेरठ नाम से बैठक का आयोजन प्रति माह किया जाए , जिसमें जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संस्थाओं द्वारा दिए गए विषयों पर किस प्रकार काम किया गया है उसकी समीक्षा की जा सके, तथा भविष्य में सुझाव आमंत्रित होते रहे । ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन अध्यक्ष गौरव शर्मा ने कहा कि ट्रांसपोर्ट नगर के सभी पार्कों में अतिक्रमण कर लिया गया है । सभी पार्क उजाड़ हो चुके हैं इन पार्कों को अतिक्रमण मुक्त कराकर पौधारोपण किया जाए। इस मौके पर विपुल सिंघल, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन अध्यक्ष गौरव शा , पंकज अनेजा, नवीन अग्रवाल, पीयूष गोयल, अमित अग्रवाल, अमित नागर, मधु वत्स, अशोक अग्रवाल, हिमांशु गोयल, अमित मांगलिक, सहित बड़ी संख्या में एनजीओ उपस्थित रहे।