सीएम योगी तक पहुंचा मासूमों का क्रूंदन,
मेरठ। लालकुर्ती के हंडिया जामुन मोहल्ला में छोटे-छोटे मासूमों का क्रूंदन सीएम योगी तक पहुंच गया है। यह मामला तूल पकड़ गया है, जिसके चलते माना जा रहा है कि पुलिस खासतौर से लालकुर्ती पुलिस के गले की फांस बनता नजर आ रहा है। पूरे घटनाक्रम को लेकर सीएम योगी, सदन में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव और सूबे के पुलिस प्रमुख को ट्वीट किया गया है। इसके अलावा भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने मीडिया में घटनाक्रम उछलने के बाद इस मामले की जानकारी ली है। यह भी पता चला है कि जो कुछ पुलिस ने किया उसकी जानकारी उसी वक्त कैंट विधायक को संगठन ने दे दी थी। यह भी बता दिया था कि ये पुतले छोटे बच्चों ने आपस में चंदा कर तैयार कराए थे, पूरे घटनाक्रम से लोग दुखी ही नहीं नाराज भी हैं। बताया जाता है कि उसके बाद उसके बाद कैंट विधायक ने एसएसपी को मामले की जानकारी दी, लेकिन तब तक लालकुर्ती के जामुन मोहल्ला और पीके टैंट हाउस के चौराहे पर लगाए गए पुतलों को पुलिस फाड़ चुकी थी। मामले के तूल पकड़ जाने के बाद बस इतना हुआ कि बच्चों ने जो दो अन्य स्थानों पर छोटे-छोटे पुतले लगाए थे उनका दहन करा दिया गया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। सूत्रों ने जानकारी दी है कि एसओ लालकुर्ती ने पुतले फाड़ तो दिए लेकिन जब गलती का अहसास हुआ तो देर रात तक भाजपा के तमाम नेताओं को फोन काल्स करते रहे। वहीं लालकुर्ती के लोग घटनाक्रम से ज्यादा मासूमों के आंसुओं से दुखी हैं और सख्त नाराज भी वो भी इसलिए क्योंकि पूरा घटनाक्रम कैंट विधानसभा क्षेत्र का है जो भाजपा का गढ कहलाता है। जिन बच्चों के साथ पूरा घटनाक्रम हुए है उनके परिवार वाले पूछ रहे हैं कि यदि यदि भाजपा के गढ़ में रावण का पुतला फूंकने की इजाजत नहीं तो फिर क्या लंका में जाकर रावण के पुतले का दहन करना होगा। बच्चों ने कंजकों जीमने से पैसे मिले उन पैसों को मिलाकर रावण का पुतला बनाया था।
सुनील वाधवा ने पूछे आंसू
जिन बच्चों ने पैसे जमा कर ये पुतले बनाए थे पुलिस द्वारा उन्हें फाड दिए जाने की जानकारी जब भाजपा नेता व कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष सुनील वाधवा को मिली तो वो बच्चो से जाकर मिले। बच्चों ने जितने पैसे बताए थे वो सुनील वाधवा ने उन्हें दिए और आंसू पोछने का काम किया।
रिट्वीट हुआ तो नपेंगे एसओ
घटनाक्रम को लेकर तीन ट्वीट किए गए हैं। इनमें एक ट्वीट अखिलेश यादव को भी किया गया है। यदि सपा नेता ने रिट्वीट कर दिया तो एसओ लालकुर्ती संतोष कुमार की मुश्किलें बढ़ सकती हैंं। थानेदारी भी हो सकता है छिन जाए। वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता भी चाहते हैं कि डेमेज कंट्रोल के लिए एसओ हटा दिए जाएं।