मणिपुर में मतदान केदौरान हिंसा

मणिपुर में मतदान केदौरान हिंसा
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मणिपुर में मतदान केदौरान हिंसा,  पहले से हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर के लिए चुनाव भी शांति पूर्ण नहीं रह सका. मतदान के दौरान व्यापक हिंसा हुई. तमाम दावों के बाद भी चुनाव आयोग शांति से चुनाव तक नहीं करा सका.राज्य के इनर मणिपुर संसदीय क्षेत्र में मतदान केंद्रों के करीब कम से कम दो गोलीबारी की घटनाएं देखी गईं. यहां शुक्रवार (19 अप्रैल) को लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान हुआ था. एक नेशनल मीडिया  की रिपोर्ट के मुताबिक, इंफाल पूर्व के खुरई में एक मतदान केंद्र पर एक हथियारबंद व्यक्ति द्वारा की गई गोलीबारी के बाद खोइसनाम सयामाइमा (65) नाम के एक व्यक्ति को गोली लग गई. अधिकारियों ने बताया कि मतदान केंद्र में भी तोड़फोड़ की गई और दस्तावेजों को आग लगा दी गई. दो हथियारबंद बदमाश कांग्रेस और भाजपा के पोलिंग एजेंट के बारे में पूछताछ करते हुए मतदान केंद्र में घुस आए और लोगों द्वारा रोके जाने से पहले कांग्रेस एजेंट को जबरदस्ती अपने साथ ले जाने की कोशिश की. एक नेशनल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार  दूसरी घटना तब हुई जब कुछ हथियारबंद लोगों ने मोइरांग विधानसभा क्षेत्र के तहत थमनपोकपी में एक मतदान केंद्र पर गोलीबारी की. इस घटना में तीन लोग घायल हो गए, जिससे अधिकारियों को क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ानी पड़ी.

दोनों घटनाएं इनर मणिपुर संसदीय क्षेत्र में हुईं, जो राज्य की मेईतेई बहुल घाटी के अधिकांश हिस्से को कवर करता है, जहां छह उम्मीदवार मैदान में हैं. एक नेशनल मीडिया  रिपोर्ट में स्थानीय रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा गया है कि घाटी के विभिन्न मतदान केंद्रों पर हथियारबंद लोगों की मौजूदगी थी – जिनके कट्टरपंथी मेईतेई सशस्त्र समूह अरामबाई तेंग्गोल के सदस्य होने का संदेह है. सोशल मीडिया पर अरामबाई तेंग्गोल द्वारा इनर मणिपुर संसदीय क्षेत्र में बूथ कैप्चरिंग के आरोप लगाए जा रहे हैं.

इसी बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें इनर मणिपुर से कांग्रेस उम्मीदवार बिमोल अकोइजाम एक मतदान केंद्र पर केंद्रीय बलों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थक उपद्रवियों द्वारा मतदान केंद्र पर कब्जा किए जाने की शिकायत करते नजर आ रहे हैं. यह वीडियो वायरल हो गया है.

अकोइजाम को सुरक्षा अधिकारियों से यह पूछते हुए सुना जा सकता है कि जब उपद्रवियों ने बूथ में प्रवेश किया और उनके पोलिंग एजेंट को धमकी दी तो वे कहां थे. उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्हें एक मतदान अधिकारी ने बूथ कैप्चरिंग के बारे बताया गया है, लेकिन सुरक्षा अधिकारी उनकी शिकायत को स्वीकार करने में इनकार करते हुए देखे जा सकते हैं. एक अधिकारी ने बाद में कहा कि वे शिकायत पर गौर करेंगे.

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