ठाकुरों के तेवरों से चड्डी गीली

ठाकुरों के तेवरों से चड्डी गीली
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ठाकुरों के तेवरों से चड्डी गीली, नई दिल्ली: मतदान ने ठाकुरों की नाराजगी ने चड्डी गीली कर दी है. मतदान के रूझान ने उनकी नींद उड़ा दी है. यह सब कुछ अचानक नहीं हुआ है इसकी पटकथा पहले लिख दी गयी थी. लेकिन ओवर कान्फिडेंस के चलते जब तक संभलते तब तक देर हो चुकी थी. नतीजा सबके सामने है. लोकसभा चुनाव के पहले चरण में वेस्ट यूपी में जो कुछ नजर आया भले ही कोई इसे स्वीकार ना करे, लेकिन इसने चड्डी गीली जरूर कर दी है. पहले चरण में जहां मतदान हुआ है, वहां की रिपोर्ट के बाद मेरठ से लेकर वाया लखनऊ दिल्ली तक चड्डी गीली हो गयी है. यह सब अचानक नहीं हुआ है. इसकी पटकथा पहले से लिखी जा चुकी थी. उसका जिक्र किया जाना जरूरी है. उल्लेखनीय है कि यूपी के  राजपूत समुदाय की एक महापंचायत ने सरकारी योजनाओं को लागू न करने, बेरोजगारी में वृद्धि, अग्निवीर योजना और राजपूत समाज के अपमान का हवाला देते हुए विरोधस्वरूप भाजपा उम्मीदवारों का बहिष्कार करने की घोषणा की है.  राजपूत समुदाय के प्रभुत्व वाले सिवाल खास (बागपत), सरधना (मेरठ) और खतौली (मुजफ्फरनगर) विधानसभा सीटों के अंतर्गत आने वाले 24 गांवों के समूह ‘चौबीसी’ द्वारा आयोजित की गई महापंचायत के दौरान समुदाय के नेताओं ने मुजफ्फरनगर में सपा उम्मीदवार हरेंद्र मलिक के लिए अपना समर्थन देने की बात कही. ठाकुरों की महापंचायतों मे खुलेआम भाजपा का बहिष्कार और गठबंधन के हरेन्द्र मलिक का समर्थन का एलान किया और फिर वैसा ही नजर आना चड्डी तो गिली होना बनता है.

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