अभी कानून का काम बाकि है,
मेरठ के सदर दुर्गाबाड़ी स्थित 1008 श्री परसनाथ दिगंबर जैन मंदिर के पंचों का इस्तीफा भर से काम खत्म नहीं हो गया है, बल्कि असली काम तो अब शुरू हुआ है। दरअसल डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय की मानें तो जिस प्रकार से बगैर किसी सूचना व अनुमति के पंच बनाए गए और बाद में पंचों ने 21 अक्तूबर की सभा भी बुला ली वो पूरी तरह से गैर कानूनी व असंवैधानिक प्रक्रिया थी। जैसे ही इसकी जानकारी मिली अधिकारी तत्काल हरकत में आ गए। मामला ऊपर तक पहुंच गया। इस मामले में अब तक जो समझ रहे थे कि पंचों ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के बाद अब मामला खत्म हो गया है, डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय का कहना है कि मामला खत्म नहीं हुआ है बल्कि असली आफत तो अब शुरू हुई है। यह आफत उनकी आनी है जिन्होंने कोई कानूनी अधिकार न होते हुए पंच बना दिए। पंच बनाए तो बनाए उसकी सूचना तक डिप्टी रजिस्ट्रार को देनी जरूरी नहीं समझी। यह अपराध की श्रेणी में आता है। उनका कहना है कि जब सदर दुर्गाबाड़ी स्थित 1008 श्री परसनाथ दिगंबर जैन मंदिर की कमेटी कालातीत पड़ी है और इसको लेकर ऋषभ एकाडेमी के सचिव डा. संजय जैन ने एक पत्र मंदिर को लेकर प्रेषित किया हुआ है। उस पत्र का संज्ञान लेने के बाद डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय ने बाकायदा नोटिस जारी किया हुआ है, उसके बावजूद पंच तय करने के लिए बैठक का बुला लेना। पंचों के नाम तय कर देना और पंचों द्वारा 21 अक्तूबर की सभा तलब कर लेना और अनुमति लेने या सूचना देने की जरूरत तक नहीं समझना यह अपराध की श्रेणी में आता है। पूरी प्रक्रिया गैर कानूनी थी। इसका जवाब देना ही होगा। जानकारों की मानें तो इस मामले में पंचों को थाना सदर बाजार पुलिस से पूछताछ का न्यौता या तो मिल गया है या मिल जाएगा।