तो क्या मेरठ में अब जाट पंजाबी, वेस्ट यूपी के गाजियाबाद में मेयर प्रत्याशी के तौर पर सुनीता दयाल और लोनी में अंजलि गर्ग के नाम पर लगभग सहमति बन जाने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से क्या मेरठ में नगर निगम मेयर प्रत्याशी पंजाबी बिरादरी से उतारा जाएगा। हालांकि मेरठ नगर निगम मेयर पद आरक्षित श्रेणी में आता है इसलिए यहां वैश्य या अन्य अगड़े की दावेदारी का सवाल ही नहीं है, लेकिन वोट बैंक साधने के लिए पंजाबी जाट पर दांव खेले जाने की उम्मीद जाहिर की जा रही है, जब तक अधिकृत सूची सामने नहीं आ जाती तब तक किसी नतीजे पर पहुंचना मुनासिब नहीं होगा। वहीं दूसरी ओर भाजपा के एक उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो मेयर प्रत्याशी के एलान में हो रही देरी के पीछे एक तयशुदा रणनीति है। प्रदेश भाजपा नेतृत्व का प्रयास है कि एन मौके पर ही नाम का एलान किया जाए, ताकि नाम के एलान के बाद विरोध में लामबंदी के लिए कोई स्पेस बाकि न रहे, इसी के चलते नाम का एलान करने में देरी की जा रही है। इस बीच प्रदेश भाजपाध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी का मेरठ के लालकुर्ती स्थित एसजीएम गार्डन में महानगर संगठन की जानकारी दी गयी है। प्रदेश भाजपाध्यक्ष इस मौके पर स्थानीय निकाय चुनाव में संगठन व सरकार की ओर से चुनाव प्रचार के लिए उतारे जाने वाले वाहनों को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना करेंगे। इसके इतर डिप्टी मेयर केशव प्रसाद माेर्या गाजियाबाद में इसी प्रकार आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश निकाय के दूसरे चरण के कार्यक्रम के मददे नजर प्रदेश भाजपा संगठन की ओर से जहां-जहां दूसरे चरण में चुनाव होना है, वहां भाजपा के बड़े नेता या फिर मंत्रियों की फौज भेजी जा रही है। वहीं दूसरी ओर सबसे बड़ा सवाल यही है कि प्रदेश भाजपाध्यक्ष के मेरठ एसजीएम गार्डन पहुंचने से पहले मेयर प्रत्याशी का एलान कर दिया जाएगा या नहीं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि लोनी और गाजियाबाद में वैश्य को उतारे जाने के बाद मेरठ में आरक्षण क्रम के मददे नजर पंजाबी व जाट की संभावना अब अधिक नजर आने लगी हैं। हालांकि गुर्जर कोटे से एक पूर्व विधायक के नाम की भी कुछ भाजपाई चर्चा में लगे हैं, लेकिन जाट पंजाबी की संभावना अधिक नजर आ रही है। वहीं दूसरी ओर यह भी जानकारी मिली है कि खींचतान या घमासान केवल मेयर प्रत्याशी के नाम तक ही सीमित नहीं रही है। मेरठ नगर निगम के तमाम वार्डों में प्रत्याशी फाइनल कराने लेकर भी जमकर शमशीर चली हैं। भाजपा के दिग्गजों को अपने समर्थक कार्यकर्ताओं के टिकट के लिए इस बार जैसा पसीना बहाना पड़ा है सुनने में आया है इससे पूर्व वैसा कभी देखने को नहीं मिला है।