टॉयलेट को तो बख्श दिया होता, सरकारी मुलाजिम यदि घोटाला या कहें राजस्व का दुरूपयोग करने पर उतर आएं तो उनके लिए फिर क्या टॉयलेट और क्या कोई दूसरा काम। यदि घोटाला करना है तो फिर वक्त और जगह नहीं देखी जाती, फिर तो होता यह है कि जो कमिटमेंट कर दिया जाता है उससे पीछे नहीं हटा जाता। ऐसा ही कुछ खेल मेरठ जनपद के विकास खंड जानी खुर्द की ग्राम पंचायत बहरामपुर खास में साल 2020-21 में प्रस्तावित समुदायिक शौचालय, जिन्हें बजाए बहरामपुर खास के बहरामपुर मोरना में बनवा दिया गया के प्रकरण में हुआ। इस कथित घोटाले के छींटे ग्राम पंचायत बहरामपुर के ग्राम विकास अधिकारी अमित सागर के दामन पर कथित रूप से नजर रहे हैं। बहरामपुर मोरना कन्या पाठशाला के बाहरी हिस्से में बनवाए गए टॉयलेट की जानकारी किसी माध्यम से शिक्षाविद सामाजिक कार्यकर्ता मेरठ के जाग्रति विहार निवासी अनिल शर्मा तक पहुंची तो उन्हें प्रथम दृष्टया टॉयलेट बनवाने के मामले में राजस्व के दुरूपयोग का मामला नजर आया और उन्होंने इसकी शिकायत विकास भवन कलेक्ट्रेट में कार्यालय स्थित जिला विकास अधिकारी से की। साथ ही जानकारी दी कि यह पूरा मामला करीब 3.5 लाख के राजस्व के दुरूपयोग का है। दरअसल यह यदि राजस्व गड़बड़ी या दुरूपयोग का मामला है तो इसमें एक नहीं मुख्य किरदार तीन नजर आते हैं और जिन पर कथित रूप से राजस्व के गड़बड़ी का आरोप है उसमें मुख्य किरदार ग्राम विकास अधिकारी/ सचिव नजर आते हैं। इन्हीं के साइन से सरकारी पैसा खाते से निकलता है जिससे विकास का काम कराया जाता है। अब पहले मुख्य तीन किरदारों की यदि बात की जाए तो इनमें जिला पंचायत राज अधिकारी जो जो संबंधित विकास कार्य के लिए धनराशि रिलीज करती हैं। इसके बाद जिम्मेदारी एडीओ और बीडीओ की होती है और बाकि के दो किरदार जिन पर खेल के शक की सूई जा रही है उनमें मुख्य किरदार ग्राम विकास अधिकारी/सचिव शामिल हैं। अनिल शर्मा ने बताया कि मामले की जानकारी होने पर उन्होंने इसकी शिकायत 4 मार्च 2023 को जिला विकास अधिकारी से की थी। इसके बाद मामले में जांच का आग्रह करते हुए और दो चिट्टी लिखी थीं। अनिल शर्मा ने जानकारी दी कि उनकी शिकायत का संज्ञान लेकर 18 मार्च 2023 को जिला विकास अधिकारी ने भी तत्कालीन बीडीओ जानी को जांच के आदेश दिए थे। अनिल शर्मा ने बताया कि जिला विकास अधिकारी ने इसके बाद 29 अप्रैल 2023 को पुन तत्कालीन बीडीओ ( खंड विकास अधिकारी) जानी को जांच कर आख्या देने को कहा, लेकिन आज तक भी वह जांच नहीं आयी। अनिल शर्मा ने विशेष रूप से जानकारी दी है कि बीडीओ जानी के पद पर वर्तमान में पर अधिकारी आयीं हैं वो संभवत इसकी जांच कर रही हैं। इस बीच यह भी जानकारी अनिल शर्मा को मिली कि कि 28 अगस्त 2023 को एक चिट्टी जांच के संबंध में खंड विकास अधिकारी जानी खुर्द ने तहसीलदार को लिखकर जानकारी मांगी कि जिस जगह टायलेट बनाया गया है उसका रकबा ग्राम पंचायत बहरामपुर खास में आता है या ग्राम पंचायत बहरामपुर मोरना में आता है। अनिल शर्मा बताते हैं कि अपुष्ट सूत्रों से उन्हें जानकारी मिली है कि 14 सितंबर को तहसीलदार ने जो उत्तर भेजा है उससे दूध का दूध पानी का पानी हो गया है। टायलेट बनाने में कथित रूप से राजस्व के दुरूपयोग के उनके आरोप की पुष्टि अपरोक्ष रूप से तहसीलदार के उत्तर से हो गयी है।
यह कहना है जिला विकास अधिकारी का
इस संबंध में जब जिला विकास अधिकारी से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि एक प्रार्थना पत्र आया है इस संबंध में खंड विकास अधिकारी जानी ने राजस्व विभाग से रिपोर्ट तलब की हुई है।