वीर नारियों का किया सम्मान, आजादी के 75वें अमृत महोत्सव पर 26 जुलाई कारगिल विजय दिवस (शौर्य एवं पराकम का प्रतीक ) के 23 वर्ष होने पर जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय मेरठ के द्वारा कारगिल विजय में दुश्मन के षड़यंत्र को जज्बे से असफल करने वाले बलिदानियों की वीर नारियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में बलिदानियों की वीर नारियों जिसमे श्रीमती उर्मिला कुमारी पत्नी सिपाही योगेन्द्र सिह यादव, श्रीमती मुनेश देवी पत्नी हवलदार यशवीर सिंह, श्रीमती बिमलेश देवी पत्नी सतीश कुमार, श्रीमती बबीता देवी पत्नी लांस नायक सत्यपाल सिंह उपस्थित रही । मुख्य अतिथि ने बताया 1999 में दुश्मन की घुसपैठ के बाद 2 महीने तक भीषण युद्ध हुआ। कई सैनिक बलिदान हुए पहाड़ की ऊँचाई पर कब्जा जमाने के चलते दुश्मन को कुछ समय के लिए रणनीतिक लाभ भी मिला किन्तु हमारे सेना के जवाबी प्रहार से जल्द ही उनके पांव उखाड़ गये। किन्तु इस युद्ध में भारतीय सेना के 527 जवान शहीद हुए और 1363 अन्य घायल हुए। एक-एक कर कारगिल की सभी चोटियों पर भारतीय परचम फिर से लहराने लगा और 26 जुलाई 1999 को विजय की घोषण हुई। जनपद मेरठ के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि यहाँ से 05 वीर सपूतो ने बलिदान दिया। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन (आई एन) राकेश शुक्ला ने कहा है कि मेरठ की इस कान्ति धरा के वीर सपूतो ने भी मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहूति दी। शोर्य समर्पण और राष्ट्र प्रेम की भावना के कारण ही कारगिल में एनएच-1 पर कब्जा करने की पाकिस्तानी साजिश को भारतीय सैनिकों नें असफल कर दिया। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर बलिदानियों की वीर नारियों के सम्मान समारोह में कर्नल वेटरन, कर्नल जे०के०तौमर हैडक्वाटर पश्चिम यू०पी० सबएरिया उपस्थित रहे। इस अवसर पर मुख्य अतिथ राष्ट्रपति पदक से अलंकृत सरबजीत सिंह कपूर ने कारगिल युद्ध के बलिदानियों को श्रद्वांजली दी और बलिदानियो की वीर नारियो को शोल ओढ़ाकर सम्मानित किया। समाज सेवा से जुड़े रहने तथा इस कार्यक्रम में भाग लेने पर जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन (आईएन) राकेश शुक्ला ने उनका आभार प्रकट किया।