दोबारा यूज नहीं कर पाएंगे मोबाइल व नंबर, मेरठ / साइबर क्रिमिनल पर बड़े प्रहार की तैयारी कर ली गयी है। हमला भी ऐसा जिसमें तकनीक के जरिये साइबर क्रिमिनल की कमर टूट जाए। वहीं दूसरी ओर यदि साइबर क्राइम की बात करें तो अपराध खासतौर से ठगी की दुनिया में इसका तेजी से बढ़ रहा चलन जांच ऐजेंसियों को चिंता में डाल रहा है। साइबर क्राइम के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इसी के चलते अब एसएसपी ने सभी थानों को साइबर ठगी के केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। साइबर क्राइम का शिकार होने वाले अपने समीप के किसी भी थाने में केस रजिस्टर्ड करा सकते हैं। साइबर क्राइम की यदि बात करें तो बीते 9 माह में साइबर क्राइम के 18 सौ केस दर्ज किए गए हैं। जनपद की साइबर थाना पुलिस के आंकडेÞ बताते हैं 9 माह में करीब 11 करोड़ ठगी की जा चुकी है। इसके सापेक्ष्य महज 3.90 करोड़ की रिकबरी ही संभव हो सकी। मसलन इतनी रकम ही पीड़ितों को वापस करायी जा सकी।
यह होने जा रहा है
मेरठ की साइबर थाना पुलिस अब साइबर क्रिमिनल पर बड़ा हमला बोलने जा रही है। तैयारी उनकी कमर तोड़ने की है। साइबर थाना प्रभारी सुबोध कुमार ने बताया कि ऐसे सौ मोबाइल नंबर चिन्हित किए गए हैं जिन्हें यूज कर साइबर क्रिमिनल ने मेरठ के लोगों के साथ ठगी की है। इन सभी नंबरों को लखनऊ मुख्यालय भेजा जाएगा। वहां से इन नंबरों को संबंधित मोबाइल नेटवर्क कंपनी को भेजा जाएगा। मोबाइल नेटवर्क कंपनी से ये नंबर उन मोबाइल कंपनी को भेजेगी जिनमें वो सिम चल रहे हैं और मोबाइल कंपनी की मार्फत वो मोबाइल जिनमें डाले गए सिम से ठगी की जाती है, हमेशा के लिए डेड हो जाएंगे। उन मोबाइल का कोई भी किसी भी तकनीक से दोबारा यूज नहीं कर पाएगा। सुबोध कुमार का कहना है कि इस कार्रवाई से साइबर क्रिमिनल द्वारा की जाने वाली ठगी की घटनाओं पर प्रभावी रोक लगने की पूरी उम्मीद है।