याद किया राजीव गांधी का बलिदान

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याद किया राजीव गांधी का बलिदान, पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न राजीव गांधी जी के 32वे बलिदान दिवस पर मेरठ में  कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर , ऊनके प्रधानमंत्री काल मे भारत की उन्नति के लिये किये गये कार्यों का स्मरण कर,उनके बताये रास्ते पर चलने की सौगन्ध ली। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अवनीश काजला व संचालन शहराध्यक्ष ज़ाहिद अंसारी ने किया। पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में डॉ यूसुफ कुरैशी, प्रवक्ता हरि किशन अम्बेडकर, चौधरी यशपाल सिंह, पार्षद रंजन शर्मा, पार्षद मो0 इकराम,पार्षद शमशाद योगी जाटव , हेमचन्द ठेकेदार,डॉ दिनेश मोहन शर्मा ,राकेश मिश्रा, देश पाल गुर्जर ,वसी अहमद रिजवी ,दीपक शर्मा, केके सिंह ,राहत अली, अनिल प्रेमी,सुमित विकल, केडी शर्मा , नईम राणा, हाशिम अंसारी, शाहिद अंसारी ,रीना शर्मा ,राकेश शर्मा ,तेजपाल सिंह, मुकेश गुप्ता, आस मोहम्मद ,वसीम अंसारी, मनोज हरित, फुरकान अंसारी ,अंसार अहमद आदि उपस्थित थे।

यूं कोई राजीव गांधी नहीं बन जाता: यशपाल चौधरी-हरेन्द्र अग्रवाल

देश को मोबाइल व कंप्यूटर देने वाले दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी को पीसीसी के पूर्व सचिव तथा पूर्व एलएलसी हरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि राजीव गांधी होना कोई मजाक बात नहीं है। अपने मन की बात तो पूरी दुनिया कहती है, लेकिन राजीव गांधी ऐसे नेता थे जो इस देश एक-एक आदमी की बात सुनते थे। करीब से उनका दर्द महसूस करते थे। राजीव गांधी तभी बना जा सकता है जब चीन और अमेरिका जैसी महाशक्तियों को भारत की शर्तों पर  बात मनवायी जाती है। राजीव गांधी बनने के लिए जिस्म पर बारूद झेलना होता है। पब्लिक के टैक्स के पैसे से करोड़ों रूपए की गाड़ियों में घूमने वाले नेता क्या जाने कि राजीव गांधी कैसे बना जाता है। उसके लिए तमाम तामझाम छोड़कर अपनी सुरक्षा की परवाह किए बगैर जनता के बीच जाना होता है। जैसे आज राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जा रहे हैं।

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