एलान कर युवक की गोली मारकर हत्या,
हत्या की आशंका जताते हुए आरोपियों के खिलाफ दर्ज करायी थी रिपोर्ट
मेरठ। परीक्षितगढ़ थाना के गांव अमरसिंहपुर में घर लौट रहे युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। परिजनों ने आरोप लगाया कि उसका एलानिया कत्ल किया गया है। जिन्होंने हत्या की है उनके खिलाफ कुछ दिन पहले हत्या की आशंका जताते हुए थाना परीक्षितगढ़ में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। मृतक के पिता ने हत्या की तहरीर दी है। अमरसिंहपुर निवासी प्रियान्शु पुत्र संजीव शहर के बच्चापार्क स्थित एक ऑटोमोबाइल कंपनी काम करता था। रविवार की शाम को करीब आठ बजे वह ड्यूटी खत्म कर घर जाने की बात कहकर कंपनी से निकला। वह रात भर घर नहीं पहुंचा। परिवार वाले उसका इंतजार करते रहे। आज सुबह उसका गोली लगा शव गांव के रिंकू सोनी के खेत के पास पड़ा मिला। गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गयी। प्रियान्शु की हत्या की खबर से परिवार में कोहराम मच गया। रोते बिलखते परिजन मौके पर पहुंच गए। पूरा गांव वहां जमा हो गया। सूचना पर एसपी देहात कमलेश बहादुर व एसओ परीक्षितगढ विजय बहादुर मयफोर्स मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। मृतक के पिता ने हत्या का आरोप लगाते हुए गांव के दो सगे भाइयों सुशील व अर्पण पुत्र योगेन्द्र शर्मा के खिलाफ तहरीर दी है।
मुकदमा दर्ज करने के बाद भी सोयी रही पुलिस
मृतक के पिता संजीव पुत्र भोपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने हत्या की आशंका जताते हुए बीते 27 मई को गांव के अर्पण शर्मा व सुशील शर्मा पुत्रगण योगेन्द्र शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने उक्त के खिलाफ मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन लिखा पढ़ी करने के बावजूद पीड़ित को ना तो सुरक्षा ही दी ना ही मुकदमे में वांछितों के खिलाफ कोई कार्रवाई ही की। आरोपी लगातार हत्या की धमकी देते रहे। उन्होंने बताया कि हत्या की धमकी की उनके पास ऑडियो भी माैजूद है।
हत्या को आत्महत्या साबित करने पर तुली पुलिस
पीड़ित परिवार का आरोप है कि प्रियान्शु की हत्या की वारदात को पुलिस आत्महत्या साबित करने पर तुली है। इसको लेकर थाने में पीड़ित पक्ष की ओर से अधिवक्ता वीरेन्द्र वर्मा काजीपुरिया की सीओ नाविता शुक्ला के साथ काफी देर तक बहस भी हुई। बकौल एडवोकेट वीरेन्द्र वर्मा पुलिस पहले तो हत्या की इस वारदात को आत्महत्या साबित करने पर तुली रही। पुलिस ने अपनी थ्योरी का फिट करने के लिए आनन-फानन में किसी युवती से प्रेम प्रसंग होने की पटकथा तैयार कर ली। इतना ही नहीं सीओ खुद परिजनों से आत्महत्या की तहरीर लेने पर अड़ी रहीं। पर अड़ी रहीं, लेकिन जब परिजनाें ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया तो पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज करने में टाल मटोल शुरू कर दी। अब पुलिस कह रही है कि जिन पर हत्या का आरोप है उनकी काल लोकेशन निकलवायी जाएगी। पर परिजन भडक गए। उन्होंने कहा कि यह भी तो संभव है कि हत्यारा खुद को बचाने के लिए अपना मोबाइल साथ ही लेकर ना आया हो। हत्या की धमकी की जब ऑडियाे मौजूद है। पूर्व में एफआईआर दर्ज है तो फिर किस कारण से हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया जा रहा है। परिजनों ने आरोप लगाया कि आराेपिया के रिश्तेदारी भाजपा के पूर्व राज्यमंत्री के परिवार में है। उसकी दवाब के चलते हत्या का मुकदमा दर्ज करने से पुलिस भाग रही है।
आत्महत्या की दलील बनी गले की फांस
प्रियान्शु की हत्या हत्या की दलील पुलिस के गले की फांस बनी गयी है। दरअसल जिस तमंचे से आत्महत्या की बात कही जा रही है, उसकी नाल में एक गोली फंसी हुई पायी गयी है। यदि आत्महत्या की पुलिस की बात सही मान ली जाए तो क्या यह संभव है कि पहली गोली मारने के बाद आत्महत्या करने वाला दूसरी गोली तमंचे में भरेगा और वो फायर होने के बजाए उसी में फंसी रह जाए। इसके अलावा जो शख्स आत्महत्या तमंचे से करने जा रहा है उसकी जेब में तीन चार कारतूस और क्यों निकलेंगे। जबकि तमंचे में तो एक बार में केवल एक ही कारतूस यूज किया जा सकता है। पीड़ित के वकील ने इन्हीं तमाम दलीलों से पुलिस की आत्महत्या की थ्योरी की हवा निकाल कर रख दी।
वर्जन
एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि हत्या की तहरीर दी गयी है। मामले की जांच की जा रही है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।