12 पिलर होंगे MES स्टेशन पर, मेरठ में एमईएस कॉलोनी मेट्रो स्टेशन के निर्माण के लिए पिलर का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है। यह एक एलिवेटेड स्टेशन है जिसे 4-4 पिलर की 3 समानान्तर लाइन पर बनाया जा रहा है। इस स्टेशन के निर्माण के लिए 4 पिलर मुख्य मार्ग के बीच, मेडियन पर और बाकी 4-4 सड़क के दायीं और बायीं ओर बने जाएँगे। इस स्टेशन के लिए कुल 12 पिलर्स का निर्माण कार्य किया जाएगा जिसमें से 8 का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। बाकी पिलर्स बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है। पिलर का निर्माण पूरा होने के बाद स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल का काम शुरू किया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन में आने-जाने के लिए ग्राउंड लेवेल पर स्टेशन के दोनों ओर 1-1 प्रवेश/निकास द्वार बनाए जाएंगे। इस द्वार से कॉनकोर्स लेवल पर जाने के लिए 2-2 एस्कलेटर्स (अप एंड डाउन) लगाए जाएंगे। वहीं कॉनकोर्स लेवल से प्लेटफॉर्म लेवल पर जाने के लिए भी एस्कलेटर्स (अप एंड डाउन) लगाए जाएंगे। इसके साथ ही, दोनों प्रवेश/निकास द्वारों पर ग्राउंड से कॉनकोर्स और कॉनकोर्स से प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए सीढ़ियों के साथ-साथ लिफ्ट्स की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। एमईएस कॉलोनी स्टेशन मेरठ मेट्रो का एक अहम हिस्सा होगा। यह शहर की नई यातायात व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मेरठ शहर में 21 किलोमीटर का मेट्रो सिस्टम बनाया जा रहा है जिसमे 13 स्टेशन होंगे। मेट्रो का नेटवर्क मेरठ साउथ से शुरु होगा तथा परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ और मोदीपुरम होता हुआ मोदीपुरम डिपो तक जाएगा। इनमे से मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल तीन स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे, जबकि अन्य सभी स्टेशन एलिवेटेड होंगे। ज्ञातव्य है कि मेरठ में मेट्रो नेटवर्क रीज़नल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर के बुनियादी ढांचे पर ही संचालित हेगी। मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम स्टेशनों पर आरआरटीएस ट्रेनों के रुकने का भी प्रावधान होगा, जहां से मेरठ मेट्रो के यात्री दिल्ली आदि की यात्रा के लिए ट्रेन ले सकेंगे।