22B-सील में देरी या स्टे की तैयारी, 22B-ट्रेड लाइसेंस कांड को लेकर मेरठ कैंट बोर्ड की 13 जुलाई को कमांडर राजीव कुमार की अध्यक्षता व सीईओ कैंट बोर्ड ज्योति कुमार के संचालन तथा निर्वाचित सदस्य डा. सतीश शर्मा समेत दूसरे फौजी अफसर सदस्यों की उपस्थिति में हुई बैठक में बाउंड्री रोड स्थित बंगला 22B को सील किए जाने के आदेश दिए गए थे। कमांडर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 22B के खिलाफ कार्रवाई के आदेश को शुक्रवारपांच अगस्त को पूरे चौबीस दिन हो चुके हैं। लेकिन कैंट बोर्ड के इंजीनियर सेक्शन के जिन अफसरों यानि एई व जेई को जिन अन्य अनुभागों को साथ लेकर बंगला 22B में चल रहे अवैध होटल समेत पूरे भवन पर कमांडर के सील के आदेशों को अंजाम देना हैं, कैंट बोर्ड के वो तमाम आला अफसर अभी बंगला 22B की ओर मुंह करके देखने को भी तैयार नजर नहीं आते। बड़े अफसरों के इस रवैये को लेकर कैंट बोर्ड के स्टाफ में भी तमाम तरह की सुगबुगाहट हैं, ट्रेड लाइसेंस की एवज में जो सौदा हुआ, उसका खुलासा होने के डर से ही बंगला 22B को सील नहीं किया जा रहा है। हालांकि हम ट्रेड लाइसेंस की एवज में कैंट बोर्ड के कुछ अधिकारियों द्वारा मोटी रकम लिए जाने की इन चर्चाओं से इत्तेफाक नहीं रखते। मसलन हम अधिकारियों की रकम के लेनदेन की पुष्टि नहीं करते। इस प्रकार के आरोपों की पुष्टि तो पूरे मामले की सघन जांच से ही संभव है या फिर सील की कार्रवाई से लेकिन स्टाफ में इसको लेकर चर्चा है, मगर आन कैमरा कोई कुछ कहने को तैयार नहीं। अब आते हैं क्रॉनोलाॅजी पर। जैसा कि सुना जाता है कि बंगला 22B को नोटिस जारी कर दिया है। विधि विशेषज्ञों की राय में नोटिस उन मामलों में जारी किया जाता है, आमतौर पर जिन मामलों में अवैध निर्माण में अधिकारी अपनी गर्दन के साथ-साथ अवैध निर्माण भी बचाने की कवायद करते हैं। नोटिस के आधार पर स्टे हासिल किया जाता है। यही कुछ 22B में भी आशंका है।