IIMT प्रोपर्टी मैनेजमेंट वर्कशॉप, मेरठ। अगर आप लेखक हैं, संगीत बनाते हैं, गाने लिखते हैं कविताएं सुनाते हैं या फिर सिर्फ आईटी सेक्टर में नई खोज करने में जुटे हैं तो आपकी मेहनत पर अधिकार भी सिर्फ आपका ही होता है। किसी को भी आपके लेखन या रचना का कोई अवैध इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं हो सकती। आपके इसी बौद्धिक संपदा अधिकार की सुरक्षा के लिए आईपीआर कानून आपको कई सारी सुरक्षा मुहैय्या कराते हैं। इसी अधिकार के बारे में जानकारी देने के लिए आईआईएमटी विश्व विद्यालय के जनसंचार एवं फिल्म एंड टेलीविजन स्टडीज विभाग में 6 दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत की गई। राजीव गांधी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटलेक्चुएल प्रॉपर्टी मैनेजमेंट नागपुर औऱ आईआईएमटी विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं फिल्म एंड टेलीविजन स्टडीज विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 6 दिवसीय ऑन लाईन आईपीआर वर्कशॉप की शुरुआत की गई। कार्यशाला के पहले दिन ही देश भर के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और छात्रों ने हिस्सा ले कर इन नियमों की बारीकियों और जटिलताओं को समझा। कार्यशाला के पहले सत्र को संबोधित करते हुए डॉ भारत एन सूर्यवंशी ने विस्तार के साथ बौद्धिक संपदा अधिकार या इंटलेक्चुअल प्रोपर्टी राइट्स को समझाया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में डिजाइन एंड पेटेंट्स विभाग के असिस्टेंट कंट्रोलर डॉ भारत एन सूर्यवंशी ने आईपीआर के सारे सूत्र समझाए। पहले ही सेशन में प्रतिभागियों के सारे कन्फ्यूजन दूर करते हुए डॉ भारत ने बताया कि किसी भी संपत्ति की तरह ही बौद्धिक संपदा पर भी अधिकार होता है। अपने मालिकाना अधिकार की रक्षा करने के लिए जरूरी कदम उठाने जरूरी होते हैं। इसी अधिकार की रक्षा करने के लिए आईपीआर का गठन किया गया था। स्लाइड प्रेजेंटेशन और उदाहरणों के साथ आईपीआर और इसकी जटिलताओं को बेहद आसान भाषा में समझाते हुए डॉ भारत ने सभी प्रतिभागियों के जवाब भी दिए। देश भर के ढाई सौ से ज्यादा प्रतिभागियों ने ऑनलाइन कार्यशाला में शिरकत करते हुए अपने सवाल भी रखे। डॉ भारत ने सभी की जिज्ञासाएं शांत करते हुए विस्तार से इंटलेक्चुअल प्रोपर्टी राइट्स और उसके नए-पुराने प्रावधान भी बताए।