शिक्षक को बताया गेम चेंजर, मेरठ। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ एजुकेशन की ओर से शिक्षकों का व्यावसायिक संवेदीकरणः मुद्दे और चुनौतियाँ (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और यूएनओ के एसडीजी की अनिवार्यता की ओर) विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन आईआईएमटी विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो0 एसडी शर्मा ने मुख्य अतिथि प्रो0 आरपी पाठक का स्वागत किया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रो0 एसडी शर्मा ने कहा की शिक्षक जीवन में गेम चेंजर की भूमिका निभाता है। मुख्य अतिथि प्रो0 आरपी पाठक ने वर्तमान समय में शिक्षण क्षेत्र में शिक्षक का महत्व बताते हुए शिक्षकों को अपने बौद्धिक ज्ञान का लगातार विकसित करने को प्रेरित किया। शिक्षक को ऊर्जा का स्रोत बताते हुए प्रो0 पाठक ने सृजन से अर्जन की ओर, शोषण से पोषण की ओर का मूल मंत्र दिया।
आईआईएमटी विश्वविद्यालय की सलाहकार प्रो (डॉ) सुरक्षा पाल ने कहा कि समाज के विकास के लिये शिक्षकों का स्वयं का विकास निरंतर जारी रखना चाहिये। उन्होंने आयोजन के लिये आईआईएमटी प्रबंधन का आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन करने का आश्वासन दिया। मुख्य वक्ता प्रो0 इंद्राणी ने शिक्षण क्षेत्र के महत्व एवं चुनौतियों के संदर्भ में प्रभावशाली ढंग से अपने विचार व्यक्त किये। आईआईएमटी विश्वविद्यालय में ट्रेनिंग सेल की प्रमुख डा0 एकता शर्मा ने संगोष्ठी में अपना शोधपत्र प्रस्तुत किये। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहनजी गुप्ता, प्रति कुलाधिपति डा0 मयंक अग्रवाल, कुलपति प्रो0 दीपा शर्मा ने इस संगोष्ठी को शिक्षकों के लिये हितकारी बताते हुए आयोजनकर्ताओं को शुभकामनाएं प्रेषित कीं। संगोष्ठी में 95 शोधपत्र ऑनलाइन प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम का संचालन डा0 कन्हैया कुमार सिंह ने किया। कॉलेज ऑफ एजुकेशन की डीन प्रो0 सरिता गोस्वामी ने अतिथियों एवं आयोजन में सहयोग करने वाले शिक्षा विभाग एवं शारीरिक शिक्षा विभाग के समस्त शिक्षकांें का आभार व्यक्त किया। कॉलेज ऑफ एजुकेशन के एसोसिएट डीन डा0 संजीव कुमार, डा0 रेनू अग्रवाल, संगोष्ठी के सह संयोजक समन्वयक एचओडी डा0 अरूण कुमार व एचओडी शारीरिक शिक्षा विभाग डा0 देव प्रकाश, आयोजन सचिव डा0 दीवेश चौधरी, अलका सिंह, डा0 सुरभि सिंघल, डा0 दीपशिखा राघव व मीडिया प्रभारी सुनील शर्मा का सहयोग रहा।