जय प्लाजा में जारी है अवैध निर्माण, अवैध निर्माणों के लिए बदनाम मेरठ आबूलेन स्थित बंगला 182 के अवैध निर्माण हमेशा ही कैंट बोर्ड के अफसरों खासतौर से पूर्ववर्ती सीईओ जिनमें विशेषतौर पर नावेन्द्र नाथ का नाम उल्लेखनीय है, के निशाने पर रहे हैं, लेकिन हैरानी इस बात की है कि कैंट प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद आबूलेन बंगला 182 जो अब जय प्लाजा के नाम से पहचाना जाने लगा है, में लगातार अवैध निर्माण जारी है, इस आवासीय बंगले को अवैध निर्माण कर जब से जय प्लाजा की शक्ल दी गयी है, इसमें अवैध निर्माणों का सिलसिला लगातार जारी है। सीईओ भले ही नावेन्द्र नाथ जैसे सख्त मिजाज रहे हों, या फिर कोई अन्य सीईओ जिन्हाेंने पूर्व में खुद जय प्लाजा में पहुंचकर वहां अवैध निर्माण को रूकवाया। आबूलेन के इस बंगले में अवैध निर्माण का सिलसिला जब शुरू हुआ जब इस बंगले को किसी जय प्रकाश अग्रवाल नाम के शख्स ने खरीद लिया। बंगले का सौदा होने के बाद इसमें शुरू हुआ अवैध निर्माणों का सिलसिला, लेकिन सेटिंग गेटिंग के बूते पर यह शख्स लगातार अवैध निर्माण करता रहा। ऐसा नहीं कि कैंट बोर्ड के अफसरों ने इस बंगले के अवैध निर्माणों से पूरी तरह से आंखें मूंद ली थीं, यहां कई बार सील व छापे की भी कार्रवाई की गयी, लेकिन सिक्खों की खनक सुनाकर और चमक दिखाकर हमेशा ही सील के बावजूद निर्माण कराया गया। सीईओ नावेन्द्र नाथ के जाने के बाद जय प्लाजा में एकाएक अवैध निर्माण की बाढ आ गयी थी। नावेन्द्र नाथ ने अपने कार्यकाल में इसमें अवैध निर्माण को लेकर हमेशा ही पूरी सख्ती बरती। उनके जाने के बाद जब अवैध निर्माण में एकाएक तेजी आ गयी और बात कैंट बोर्ड अध्यक्ष व कमांडर राजीव कुमार तक पहुंच गई तो उन्होंने बोर्ड बैठक के दौरान बाकायदा आबूलेन 182 जय प्लाजा के अवैध निर्माण को लेकर नाराजगी जतायी थी। उन्होंने इसकी फाइल ही तलब कर ली थी तथा सीईओ से स्टेटस रिपोर्ट मांगते हुए यह हिदायत दी थी कि वहां अवैध निर्माण न होने पाए इस बात की सीईओ पुख्ता इंतजार करें। लेकिन हुआ इसका एकदम उलटा, वहां बजाए अवैध निर्माण पर रोक लगाने के काम को तेजी से निपटाने का काम किया गया। इससे यह भी साफ हो गया कि कमांडर के आदेश को लेकर कैंट बोर्ड कितना गंभीर है।
अन्य मकानों का सौदा:
सुनने मे आया है कि बंगला 182 के बैक साइड में बने कुछ अन्य मकानों का भी सौदा अवैध निर्माण के लिए कर लिया गया है या फिर सौदा लास्ट स्टेज पर है। यदि यह बात सच है तो फिर पूछा जाना चाहिए कि कैंट प्रशासन और उसका स्टाफ क्या कर रहा है। पिछले अवैध निर्माण को ध्वस्त नहीं इसके इतर इस बंगले में पिछले हिस्से में अवैध निर्माणों की तैयारी है। इसके अवैध निर्माण कब ध्वस्त किए जाएंगे। अवैध निर्माण करने वालों पर कब कार्रवाई की जाएगी इसके लिए कैंट प्रशासन के उत्तर का इंतजार रहेगा। यदि उत्तर मिला तो उसको भी प्रमुखता से पब्लिक के सामने लाया जाएगा। हालांकि प्रभावशाली लोगों के अवैध निर्माणों के मामले में अब तक का ट्रेक रिकार्ड काफी खराब रहा है।