अधिवक्ताओं का डीएम को ज्ञापन, शामली। जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा न्याय शुल्क पर 10 गुना टिकट वृद्धि करने के विरोध में प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय में सौंपा। उन्होंने आम जनता को सस्ता और सुलभ न्याय दिलाए जाने के लिए बढ़ाई गई टिकट वृद्धि को वापस लिए जाने की मांग की है। शोभित वालिया की रिपोट: जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार एडवोकेट के नेतृत्व में दर्जनों अधिवक्ताओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय में सौंपा। जिसमें उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा न्यायिक शुल्क पर 10 गुना टिकट वृद्धि की गई। जिस कारण आम जनता को सस्ता और सुलभ न्याय दिए जाने के सिद्धांत को सरकार ने एक तरीके से समाप्त कर दिया है। जिससे बाद कार्यों में अत्यंत विषम आर्थिक परिस्थितियों से गुजरना पड़ रहा है और सुविधा पूर्वक मुकदमा लड़ने से वंचित हो रहे हैं। न्याय शुल्क पर की गई इस प्रकार की वृद्धि के विरोध में जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ता गत 1 अक्टूबर 2021 को पश्चिम उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में न्यायिक कार्य से विरत रहे थे और अब दोबारा न्याय शुल्क वृद्धि सभी जनपदों में लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि न्याय शुल्क पर 10 से 100 गुना तक टिकट वृद्धि करने के कारण वाद कार्यों पर अत्यधिक आर्थिक भार पड़ रहा है। उक्त परिस्थितियों को देखते हुए न्यायशुल्क वृद्धि के विरोध में केन्द्रीय संघर्ष समिति हाईकोर्ट बैच स्थापना द्वारा एक आवश्यक बैठक 19 अप्रैल कसे की गई। जिसमें 26 अप्रैल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों व तहसील बार एसोसिएशन द्वारा ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया है। उन्होने वाद कार्यो के आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए बढाया गया न्यायशुल्क वापस लेने की मांग की है। इस अवसर पर धीरेन्द्र कुमार, मणिकांत शर्मा, रामकुमार वर्मा एडवोकेट, सत्यनारायण सिंह, ओमपाल सिंह, प्रदीप कुमार, विवेक कुमार आदि मौजूद रहे।