इस कत्ल में अफसर व तस्कर सभी शरीक, प्राकृतिक प्रेमी यूपी के सीएम के आने से चंद घंटे पहले वन विभाग के कुछ अफसरों ने वन तस्करों के साथ मिलकर हरियाली का कत्ल करा दिया। हैरानी तो इस बात की है कि मौके पर पुलिस भी पहुंची और वन विभाग के अधिकारी भी उसके बाद भी न तो किसी के खिलाफ एफआईआर न ही गिरफ्तारी। सेटिंग-गेटिंग और हरियाली का काम तमाम। यह पूरा मामला कैंट क्षेत्र के बंगला एरिया डोगरा मंदिर रोड बीआई लाइन्स स्थित एक डीईओ के बंगले से जुड़ा है।
सौ पेड़ों का कत्ल
जहां रविवार को वन माफियाओं ने इलैक्ट्रोनिक्स आरी से बंगले में लगे करीब सौ पेड़ काट डाले। इसकी सूचना तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम व वन्य अधिकारियों को दी गयी। सूचना पर फैंटम व लालकुर्ती पुलिस पहुंची। हरियाली के कातिल मौके पर हथियार समेत मौजूद थे, लेकिन उन्हें दबोचने के बजाए रस्म अदायगी कर पुलिस लौट गयी। डीएफओ ने माेहन सिंह नाम के वन अधिकारी को मौके पर भेजा और छुटटी उन्होंने भी हरियाली के कातिलों के खिलाफ कोई पुलिस कार्रवाई की हो ऐसी जानकारी नहीं मिली है। हैरानी की तो बात है कि हरियाली के इस कत्लआम में कैंट प्रशासन के कुछ बड़े अफसर भी शामिल हैं। दरअसल हुआ यूं कि पुलिस को खुद को कैंट का बड़ा अफसर बताने वाले दो अधिकारियों ने हरियाली के कातिलों की पैरवी की। जिसके चलते पूरे मामले पर खाक डाल दी गयी। इस मामले का खुलासा करने का श्रेय ज्योतिष वैज्ञानिक भारत ज्ञान भूषण को जाता है, जिनके प्रयास से मामला मीडिया तक पहुंच सका। लेकिन इस मामले से इतना जरूर साफ हो गया है कि मेरठ मे हरियाली के कातिलों की अफसरों वो वन विभाग हो या फिर कैंट प्रशासन के बड़े अफसर उन पर तगड़ी पकड़ है। उन्हें इस बात का भी खौफ नहीं की प्रदेश के सीएम प्रकृति व हरियाली प्रेमी है। रविवार देर रात तक तो हरियाली के इन तस्करोें के खिलाफ कोई कार्रवाई की नहीं गयी थी, सीएम योगी का खौफी अफसरों पर कितना है इसकी पता सोमवार को लग सकेगा।