भारी भू-माफिया की तैयारी,–सत्ता के करीबी भूमाफिया की अवैध कालोनी कौन करेगा बुलडोज– मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन सी-वन बागपत रोड माता शाकुंबरी देवी के मंदिर के निकट खुद को सत्ताधारी पार्टी भाजपा के बड़े नेताओं व एक राज्यमंत्री से करीबी का दम भरने वाले भूमाफिया की अवैध कालोनी को बुलडोज करने का साहस मेरठ विकास प्राधिकरण के उच्च पदस्थ अफसर जो अवैध कालोनियों को ध्वस्त करने का दम भरते हैं, क्या बुलडोज करने का साहस दिखा पाएंगे।
ध्वस्तीकरण अभियान से जगी थी उम्मीद:
यह सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि पिछले दिनों प्राधिकरण, मेरठ प्रशासन, पुलिस व अन्य विभागों ने संगठित होकर अवैध कालोनियों के खिलाफ बड़ी मुहिम छेड़ी थी। प्राधिकरण प्रशासन के दावों की मानें तो सौ से ज्यादा अवैध कालोनी ध्वस्त की गयी थी। यहां उल्लेखनीय है कि यह दावा भर नहीं है, प्राधिकरण में उपाध्यक्ष के तौर पर अभिषेक पांडेय के आने के बाद ऐसा किया गया था। अभियान इतना जबरदस्त था कि शहर भर के भूमाफियाओं का ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से हलक सूखने लगा था। ज्यादातर ने तो साइट पर काम बंद करा दिया था और खुद अंडर ग्राउंड हो गए थे। लेकिन किन्हीं कारणों से बाद में अवैध कालोनियों के खिलाफ शुरू किया गया अभियान थम गया। दरअसल हुआ यह था कि उपाध्यक्ष प्रशिक्षण के लिए देश से बाहर गए थे। उनके बाद प्राधिकरण ने अवैध कालोनियों की सुध लेना मुनासिबत नहीं समझा।
अवैध कालोनियों के बुलडोजर का इंतजार:
अभिषेक पांडेय के वापस प्राधिकरण में लौटने के बाद अवैध कालोनियों के खिलाफ जिस ध्वस्तीकरण अभियान का इंतजार किया जा रहा है, वह अब तक शुरू नहीं हो सका है। लेकिन यहां सवाल प्राधिकरण के जोन सी-वन बागपत रोड शाकबरी देवी के पास काटी जा रही अवैध कालोनी को बुलडोज करने का है। आपस के लोग भी पूछ रहे हैं कि भूमाफिया की अवैध कालोनी को सिर्फ इस वजह से बुलडोज नहीं किया जाएगा क्योंकि उनकी भाजपा नेताओं के साथ उठ बैठ है। या वह सूबे की योगी सरकार के एक राज्यमंत्री के साथ अक्सर मंच साझा करते देखे जाते हैं। इस कालोनी को लेकर अक्सर आवाज उठाने वालों ने बताया कि किसी मनीष प्रजापति नाम के शख्स ने यह कालोनी काटी है।
जोन के पूर्व जेई अरूण शर्मा पर सवाल:
मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन सी-वन के पूर्व अवर अभियंता अरूण शर्मा के कार्यकाल में इस कालोनी का काम शुरू हुआ था। स्टाफ की मानें तो अवर अभियंता अरूण शर्मा इस प्रकार की अवैध कालोनी के अपने कार्यकाल में सबसे बड़े मददगार साबित हुए। जब तक वह जोन में तैनात रहे भूमाफिया की इस अवैध कालोनी को छूने का साहस प्राधिकरण प्रशासन का कोई अधिकारी नहीं कर सका। हालत तो यह है कि उनके हटने के बाद भी और प्राधिकरण में उपाध्यक्ष की कुर्सी पर अभिषेक पांडेय सरीखे ईमानदारी छवि के आईएएस अफसर की मौजूदगी होते हुए भी अवैध कालोनी पर प्राधिकरण प्रशासन की जेसीबी वक्र दृष्टि नहीं पड़ पा रही है।
ये है कालोनी:
प्राधिकरण के जोन सी-वन में जिस कालोनी की बात यहां की जा रही है, वह एक खेत में काट दी गयी है। लोगों ने जानकारी दी कि यह कृषि भूमि वाला क्षेत्र है। नियमानुसार कृषि भूमि वाले क्षेत्र में कालोनी काटने के लिए अनिवार्य है कि उस भूमि का लेड यूज तहसील में चेंज कराया जाए, लेकिन जब कालोनी ही पूरी तरह से अवैध है तो फिर भू-माफिया लैंड यूज कराने की जहमत भी भला क्यों उठाने लगे हैं। यह स्पष्ट नहीं कि जिस जगह यह कालोनी काटी गयी है उस जगही का लैड यूज चेज कराया है या नहीं। लेकिन यहां तो मामला भाजपा से जुड़े या कहें कनेक्शन रखने वाले का है, इसलिए संभवत भले ही कालोनी अवैध है जहां कालोनी काटी गयी है वहां लैंड यूज चेंज कराने को गैर जरूरी माना गया हो।
मनाही के बाद भी पावर कनेक्शन:
मेरठ विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने एमडी पीवीएनएल को पत्र लिखकर किसी भी अवैध कालोनी में पावर के कनेक्शन ना दिए जाए, लेकिन भूमाफिया की इस कालोनी में लगे बिजली के खंबे प्राधिकरण उपाध्यक्ष के अवैध कालोनियों के खिलाफ चलायी जा रही उनकी मुहिम को ही करंट मारते नजर आ रहे हैं। इस पूरी कालोनी में जगह-जगह पीवीएनएल ने कनैक्शन दे दिए हैं। जिससे पता चलता है कि कालोनी काटने वाले के कनैक्शन कितने ऊपर तक हैं। कालोनी काटने वाले के कनैक्शन प्राधिकरण उपाध्यक्ष की पावर पर भारी पड़ रहे हैं। जहां तक अवैध कालोनी में कनैक्शन की बात है तो बागपत रोड पर काटी गयी यह कालोनी इकलौती है, जहां पीवीएनएल ने कनेक्शन दे दिए हैं। शहर में ऐसी अवैध कालोनिया हैं जहां पीवीएनएल ने कनैक्शन दे दिए हैं।
छह माह नॉन स्टॉप काम:
बागपत रोड पर काटी जा रही इस अवैध कालोनी में पिछले करीब छह माह से काम चल रहा है। जिस तेजी से अवैध कालोनी ने किसी स्वीकृत कालोनी की तर्ज पर आकार लिया वो वाकई हैरानी भरा है। अवैध कालोनी में प्लाटिंग कराने के बाद भूमाफिया अब इस कालोनी में अवैध मार्केट भी तैयार कराया जा रहा है। मार्केट का काम भी काफी तेजी से निपट रहा है। लैंटर आदि का काम भी करीब-करीब पूरा हो चुका है। जहां तक प्लाटिंग की बात है तो जिन्हें प्लाट का दर्जा दिया गया है वहां अभी काफी गड्ढे हैं। हालांकि ज्यादातर की नींव भरवा दी गयी है ताकि कालोनी सरीखा लुक नजर आ सके और इस लुक को देख कर जो कुछ भी बाकि प्लाट बच गए हैं वो भी तेजी से बेचे जा सकें। दरअसल इन दिनों शहर के जितने भी नाम चीन भूमाफिया हैं उन्होंने अवैध कालोनियों के साथ नया ट्रेंड चला दिया है वो यह कि अवैध कालोनी के साथ-साथ अब मार्केट भी बनाए जा रहे हैं। ऐसी एक आध ही अवैध कालोनी होगी जिसमें मार्केट न हो। इसका बड़ा उदाहरण प्राधिकरण के जोन बी रुडकी रोड के साफीपुर से सटे लावड रोड पर काटी गयी अवैध कालोनी राधा कुंज है। राधा कुंज कालोनी में भी अवैध मार्केट बनकर तैयार हैं। वहां दुकानों की सेल परचेज चल रही है। कुछ दिन की बात है बागपत रोड पर काटी जा रही मनीष प्रजापति की अवैध कालोनी में जो दुकानें बनायी गयी हैं उनकी भी सेल परचेज शुरू हो जाएगी।
कैसे करें बुलडोज कनैक्शन से ऊपर हैं:
बागपत रोड पर यह अवैध कालोनी काटने वाले भूमाफिया को लेकर कुछ लोगों जिनमें प्राधिकरण का स्टाफ भी है, उनका कहना है कि बागपत रोड शाकंबरी देवी मंदिर के पास काटी जा रही इस अवैध कालोनी को बुलडोजर करना इतना आसान नहीं है। लोगों ने बताया कि कालोनी काटने वाले भूमाफिया के सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से अच्छे खासे कनैक्शन हैं। सत्ताधारी दल के एक राज्यमंत्री के साथ भी कालोनी काटने वाले को अक्सर मंच साझा करते देखा जा सकता है। कालोनी और उसमें बनाया जा रहा मार्केट समेत सब कुछ भले ही अवैध हो, लेकिन जब भूमाफिया के कनैक्शन ऊपर तक हो तो बुलडोज सरीखी की कार्रवाई की उम्मीद करना बेमाने हैं।
बाबा के बुलडोजर पर भारी भूमाफिया की तैयारी:
सूबे के सीएम योगी आदित्यानाथ भले ही अवैध कालोनियां और निर्माणों के सख्त खिलाफ हों, प्रदेश भर में भले ही अवैध कालोनियों के खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान चलाए गए हों, लेकिन जब अवैध कालोनी के नाम पर मामला करोड़ों के बारे न्यारे का हो तो कई बार ऐसा हुआ है कि तमाम सरकारी घोषणाएं दम भी तोड़ देती हैं जैसा कि बागपत रोड पर काटी गयी इस कालोनी के मामले में नजर आ रहा है। जो शख्स भारी भरकम रकम इन्वेस्ट कर कालोनी काटने जा रहा हो, उसने नफा नुकसान ना भांपा हो ऐसा संभव नहीं। कालोनी काटने से पहले पूरी तैयारी की गयी होंगी तभी यह कहा जा रहा है कि बाबा के बुलडोजर पर भारी भूमाफिया की तैयारी। भारी इसलिए क्योंकि पहले अवैध कालोनी काटी कोई कार्रवाई नहीं की गयी। अब अवैध कालोनी में अवैध मार्केट भी बनाया जा रहा है।
तगड़ा होता है नेटवर्क:
अवैध कालोनी कमाई जाने वाली अकूत लेकिन काली कमाई के इस धंधे में जो भी भूमाफिया लगे हैं उनका नेट वर्क काफी तगड़ा बताया जाता है। इस नेटवर्क में सत्ताधारी दल के नेताओं का प्रमुख स्थान होता है। उनके बगैर कोई भी भूमाफिया इन दिनाें अवैध कालोनी काटने का साहस नहीं जुटा पाता है। सत्ताधारी नेताओं के अलावा भूमाफियाओं के संगठित गिरोह में मेरठ विकास प्राधिकरण के कुछ अफसर भी हिस्सा होते हैं। ऐसे अफसरों का काम भूमाफिया को खुद को बचाते हुए कालोनी का काम किस प्रकार निपटाना है और प्राधिकरण की ओर से की जाने वाली कार्रवाइयों को कैसे डेमेज करना है यह बताना होता है। इनके अलावा अपराधिक पृष्ट भूमि के कुछ माफिया भी यदाकदा नजर आते हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं बागपत रोड पर काटी जा रही अवैध कालोनी में कौन-कौन मददगार शामिल हैं। शहर में जितनी भी अवैध कालोनी काटी जा रही है या जो भी अवैध कालोनी के धंधे में उतर रहे हैं वो सबसे पहला काम कंपनी के नाम पर एक संगठित गिरोह की तर्ज पर अपने लोगों का ग्रुप बनाने का करते हैं यह ग्रुप अवैध कालोनी में का काम शुरू होने से लेकर उसके बनने और बिकने तक अलग-अगल जिम्मेदारी संभालता है। यह भी पता चला है कि सत्ता से जुड़े जिन लोगों से अवैध कालोनी में मदद ली जाती है दरअसल भूमाफिया उनका अपनी कालोनी में पार्टनर बना लेते हैं। पार्टनर भी ऐसा आमतौर पर जिससे कोई इन्वेस्ट नहीं कराया जाता है।