बेबस एमडीए-बेलगाम भूमाफिया, महानगर के चारों जोनों में बाकायदा संगठित होकर पूरी योजना के साथ मेरठ विकास प्राधिकरण का ध्वस्तीकरण अभियान। एक दिनी अभियान में कई अवैध कालोनियों को जमीदोज किया जाना, लेकिन बड़ा सवाल यही इसके बाद भी संगठित गिरोह की तर्ज पर काली कमाई को रियल स्टेट में लगाकर सफेद कर रहे भूमाफियाओं पर पूरी तरह से लगाम लगाने में एमडीए क्यों बेबस सा नजर आता है। भले ही एक दिनी ही सही लेकिन चारों जोनों में एमडीए की जेसीबी की गर्जना को गैर गंभीर की श्रेणी में तो कतई नहीं रखा जा सकता। उम्मीद तो यह की जा रही थी कि चारों जोनों में चलाए गए ध्वस्तीकरण अभियान के बाद तमाम भूमाफिया बिलों में जा छिपेंगे। अवैध कालोनियां ध्वस्त करने के नाम पर एमडीए प्रशासन उनका नेटवर्क ही ध्वस्त कर देगा। जिन अवैध कालोनियों पर काम चल रहा है, वहां काम बंद हो जाएगा। भूमाफिया या तो मेरठ छोड़ देंगे या फिर अवैध कालोनियों को नियमानुसार कंपाउंड कराएंग, लेकिन हकीकत तो यह है कि न तो किसी भी जोन में अवैध कालोनियों का काम रोका गया है और न ही भूमाफिया बिलों में जाकर छिपे हैं। महानगर के तमाम अवैध कालोनियों के लिए बदनाम साइटों या कहें जोन की बात कहें तो भूमाफियाओं के तेवर बता रहे हैं कि एमडीए के उनके आगे कोई बिसात नहीं। एमडीए प्रशासन भले ही ड्रोन उड़ाए या फिर अवैध कालोनियों पर कार्रवाई के नाम पर जोनल अधिकािरयों और अवर अभियंताओं के साथ बैठक कर अगले दिन चारों जोनों में ध्वस्तीकरण अभियान चलवाए,लेकिन इससे उनके काम पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है। एक दिनी ध्वस्तीकरण अभियान से पहले भी वो अवैध कालोनियां काट रहे थ और आज भी उनकी अवैध कालोनियाें में काम जारी है। तमाम भूमाफियाओं के तेवरों में कोई कमी आयी हो ऐसा नजर तो नहीं आ रहा है। हां इतना जरूर है कि ध्वस्तीकरण अभियान को लेकर जो उम्मीद की जा रही थीं वैसा कुछ होता दिखाई नहीं दिया। उम्मीद तो यह थी कि चार दिन तक कम से कम ध्वस्तीकरण अभियान को चलाया जाएगा, लेकिन शाम ढलते-ढलते तमाम दमखम दम तोड़ता नजर आया।
चारों जोन में जोर शोर से अवैध निर्माण—-
एमडीए प्रशासन के महानगर के चारों जोनों में पूरे जोरशोर से ध्वस्तीकरण अभियान इन दिनों जारी है। जोन डी-फोर तो अवैध कालोनियों और निर्माणों से पूरी तरह आबाद है। यहां करीब दर्जन भर अवैध कालोनियां काट दी गयी हैं। कुछ में तो काम लास्ट स्टेज पर हैं। अवैध कालोनी को पूरी तरह से तैयार वहां पर भूखंडों की बिक्री की जा रही है। शिवकुंज सरीखी कालोनियों में तो सुनने मे आया है कि मकानों का अवैध निर्माण भी शुरू कर दिया गया है। इस जोन की बात की जाए तो यहां कई प्रभावशाली भूमाफिया भी सक्रिय हैं। एमडीए की फाइलों में भले जोन डी-फोर में अवैध कालोनियाें में काम पर रोक की बात अधिकारी करते हों, लेकिन साइट पर भी अवैध कालोनियो में काम जारी है। इसी जोन में कृष्णा कुंज अवैध कालोनी भी शिव कुंज की तर्ज पर तैयार हो गयी है। यहां भी भूखंडों की बिक्री जारी है। जोन डी-फोर में ही सुभाष उपाध्यक्ष की अवैध कालोनी भी किसी से छिपी नहीं है। वहां भी बाकायदा मेनगेट लगाकर सड़क बनवा दी गयी हैं। कालोनी में बिजली के खंबे आदि भी लग गए हैं।
एमडीए के जोन सी-वन बागपत रोड पर सन बीम अवैध कालोनी में भी भूखंडों की बिक्री की जा रही है। जोन बी-वन और बी-टू में अवैध कालोनियों से एमडीए का जोनल स्टाफ बेखर हो ऐसी उम्मीद भी भला कैसे की जा सकती है। जोन सी-वन में खुद को भाजपा के रोहटा मंडल का पदाधिकारी बताने वाला बोबी शर्मा पूरी दबंगई पर उतरा हुआ है। उसकी तो आयकर जांच कराने की मांग भी उसे गांव वाले कर चुके हैं। गांव वालों की मानें तो पशुओं की खलचूरी बेचने वाला भला कैसे रातों रात इतनी ज्यादा काली कमाई का मालिक बन गया जो उसके भारी भरकम रकबे में अवैध कालोनी काट डाली है इसकी जांच कराए जाने की जरूरत है
एमडीए के जोन सी-2 परतापुर के मोहददीनपुर में भाजपा के एक नेता व मेट्रो प्लाजा में भोजनालय चलाने वाले एक शख्स से अवैध कालोनी काट डाली है। हालांकि पूर्व में इसकी अवैध कालोनी में काम रूकवा दिया गया था, लेकिन दबंगई दिखाते हुए वहां पर दोबार से काम शुरू करा दिया गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भूमाफिया किस कदर मजबूत हैं और एमडीए उनके आगे कितना बेबस और मजबूर है।