अवैध कालोनी बांके बिहारी पार्ट टू

अवैध कालोनी बांके बिहारी पार्ट टू
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अवैध कालोनी बांके बिहारी पार्ट टू, बांके बिहारी पार्ट टू से योगी सरकार को करोड़ों के राजस्व का फटका। मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन सी-1 बागपत रोड हरमन सिटी कालोनी के चंद कदम पीछे बांके बिहारी पार्ट टू  के नाम से काटी जा रही अवैध कालोनी से सूबे की योगी सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगाने की पूरी तैयारी कर ली गयी है। भूमाफिया से बिल्डर और बिल्डर से खुद को सत्ताधारी दल के नेता कहने वालों द्वारा अपना खजाना भरने के लिए सूबे की योगी सरकार के खजाने को चूना लगाने की बात समझ में आती है, लेकिन सूबे की सरकार से जिस काम के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण के अफसर भारी भरकम सेलरी अर्जित कर रहे हैं, वो काम यानि अवैध कालोनियाें पर अंकुश उनके ध्वस्तीकरण का काम न कर कुछ और ही काम का करना समझ से परे है। ऐसे क्या कारण है जो बांके बिहारी पार्ट टू नाम की अवैध कालोनी काटे जाने की जानकारी होने के बाद भी प्राधिकरण प्रशासन के अधिकारी आंखों पर महाभारत के घृतराष्ट्र की तर्ज पर पट्टी बांध कर मेरठ विकास प्राधिकरण की बर्बादी या कहें उसको गरीब बनाने का तमाशा देख रहे हैं।बांके बिहारी पार्ट टू के खिलाफ प्राधिकरण प्रशासन के अफसर खासतौर से इस जोन के जोनल अधिकारी और अवर अभियंता क्यों चुप्पी साधे हुए हैं, इसका जवाब तो खुद ये अधिकारी ही दे सकते हैं, लेकिन बांके बिहारी पार्ट टू सरीखी कालोनियों को लेकर प्राधिकरण के उच्च पदस्थ अधिकारियों की चुप्पी पर भी सवाल है या फिर यह मान लिया जाए कि बांक बिहारी पार्ट टू सरीखी अवैध कालोनियों की भनक तक जोनल अधिकारी व अवर अभियंता लगने नहीं देते हैं। अवैध कालानी काटे जाने के लिए किसी किसान से साम-दाम-दंड़-भेद की नीति पर चलकर उसका खेत हथिया लेने, किसान के खेत की फसल नष्ट कर उसको समतल कर देने और उसके बाद वहां वो सब कर देने जिससे अवैध कालोनी में भूखंड के लिए खरीदार खींचे चले आएं मसलन सड़क का निर्माण, बिजली के खंबे, चारदीवारी करा देना, लेकिन वो सब न करना जो जीवन की आधारभूत जरूरतें होती हैं, मसलन पानी की टंकी का निर्माण, सीवरेज सिस्टम सरीखे कामों से कन्नी काटना। कौन है भाजपा नेता अरविंद सिंगल: बागपत रोड बांके बिहारी पार्ट टू नाम की अवैध कालोनी की कवरेज को जब यह संवादददाता पहुंचा और वहां मौजूद लोगों से कालोनी को लेकर जानकारी की गयी तो बताया गया कि खुद को भाजपा नेता बताने वाला अरविंद सिंगल नाम का कोई बिल्डर जिसकी लोगों में बतौर भूमाफिया पहचान बनी हुई है, वह इस कालोनी काे काट रहा है। लोगोंं ने यह भी बताया कि इस जोन के जोनल अधिकारी अरूण शर्मा व अवर अभियंता महादेव शरण अक्सर अरविंद सिंगल के साथ देखे जा सकते हैं। अवैध कालोनी काटने वाले अरविंद सिंगल से जोनल अधिकारी व अवर अभियंता का ये रिश्ता क्या कहलता है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। हालांकि सुनने में आया है कि जोनल अधिकारी व अवर अभियंता की इस अवैध कालोनी में हिस्सेदारी है। इसी के चलते अवैध कालोनी पर प्राधिकरण प्रशासन बजाए बुलडोजर चलाने के चुप्पी साधे है।

खरीदारों के लिए भी बनेगी मुसीबत:

खुद को भाजपाई बताने वाले इस भूमाफिया की कालोनी में जो भी लाेग घर बनाने को अपने जीवन भर की कमाई दाव पर लगाकर भूखंड खरीदें उनके लिए भी यह अवैध कालोनी किसी मुसीबत से कम साबित नहीं होगी। मुसीबत कैसे साबित होगी यह भी समझ लीजिए। इस कालोनी में गंदगी और पानी की निकासी का कोई इंतजाम नहीं है। मसलन सीवर नहीं है। जो लोग मकान यहां बना भी लेंगे, वो अपने घर के बाहर तो नाली बना लेंगे, लेकिन उस नाली का पानी कहां जाएगा, यह बड़ा सवाल है। एक दिन ऐसे हालात हो जाएंगे कि घरों से निकलने वाला गंदा पानी घर के बाहर जमा होने लगेगा और वहां हालात नारकीय बन जाएंगे। उस वक्त इस कालोनी में भूखंड लेने वालों को पछतावे के अलावा कुछ नहीं होगा, लेकिन तब तक काफी देरी हो चुकी होगी।  क्योंकि बगैर पानी की निकासी किसी के लिए भी किसी भी कालाेनी में रहना असंभव  है।

तरसना होगा शुद्ध पेयजल के लिए: आमतौर पर जब कहीं कोई कमान बनाता है तो शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करना पहला काम होता है। खुद को भाजपाई कहने वाला यह भूमाफिया केवल प्लाटिंग कर रहा है, जो लोग इस कालोनी में प्लाट खरीदेंगे उनके लिए यहां कमान बनाकर रहना किसी मुसीबत से कम नहीं होगा, उसकी वजह यह है कि पेयजल का इंतजाम भूमाफिया के स्तर से नहीं किया गया है। आमतौर पर कालोनी में सबसे पहले पानी की टंकी बनायी जाती है, लेकिन यहां पानी की टंकी तक नहीं है। अवैध जल दोहन करने पर अब जुर्माना व सजा का प्रावधान है।

हमेशा मंडराता रहेगा ध्वस्तीकरण का खतरा

अवेध कालोनी में बगैर नाली और पानी के रहना शुरू भी कर दिया तो जो भी यहां भूखंड खरीद कर अपने मकान का सपना पूरा करने के लिए वहां जीवन भर की कमाई को लगा देंगे, उनकी यह कमाई कभी भी डूब सकती है। क्योंकि इस बात की कतई गारंटी कोई भी नहीं ले सकता कि जो मकान अवैध कालोनी में बनाया जा रहा है, एमडीए उसको ध्वस्त नहीं करेगा।

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