कुश्ती संघ के कोषाध्यक्ष पर एक और FIR, भारतीय कुश्ती संघ संघ के कोषाध्यक्ष व मेरठ रूडकी रोड स्थित कैश कालेज के संचालक एसपी देशवाल व उनके दो रिश्तेदारों बिजेन्द्र सिंह व नरेश नेहरा पर एक ओर एफआईआर मेरठ के पल्लवपुरम थाने में दर्ज हो गयी है। इससे पहले उन पर पांच एफआईआर दर्ज हो चुकी है। तीन में चार्जशीट दाखिल हो गयी है जबकि दो पर वह जमानत पर हैं। एक बार उनकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है। भारतीय कुश्ती संघ एक बार फिर अपने पदाधिकारियों को लेकर चर्चा में है, लेकिन इस बार चर्चा अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों के साथ कथित यौन उत्पीड़न को लेकर नहीं है, बल्कि इस बार चर्चा संघ के कोषाध्यक्ष व दोबारा कोषाध्यक्ष का चुनाव लड़ने जा रहे मेरठ के रूड़की रोड पर कैश कालेज चलाने एसपी देशवाल पर थाना पल्लवपुरम में एफआईआर की वजह से है।
साल भर से ज्यादा लगा दिया एफआईआर में
सत्यपाल देशवाल के खिलाफ थाना पल्लवपुरम में डा. अजय कुमार पुत्र राम सिंह निवासी ए-109 गंगोत्री कालोनी रूड़की रोड थाना पल्लवपुरम की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गयी है। डा. अजय कुमार ने पिछले साल एसपी देशवाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए थाना पल्लवपुरम पर तहरीर दी थी। उन्होंने तहरीर में कुश्ती संघ के कोषाध्यक्ष व तत्कालीन सचिव पर मुदरा सहकारी आवास विकास समिति में गवन के गंभीर आरोप लगाते कहा है कि साल 2008 में एसपी देशवाल ने मुदरा सहकारी आवास समिति में पांच लाख का गवन किया था। बयान में कहा गया है कि साल 2008 के संतुलन पत्र का जिला लेखाधिकारी सहकारी समितितयां एवं पंचायतें उत्तर प्रदेश मेरठ की ऑडिटर शशिबाला ने ऑडिट किया था। इस ऑडिट के समय समिति का सचिव सत्यपाल देशपाल पुत्र नंदा सिंह निवासी गंगोत्री कालोनी रूड़की रोड व जाग्रति विहार तथा सभापति नरेश पाल नेहरा(सत्यपाल सिंह का साला) निवासी राजेन्द्र नगर गाजियाबाद था। मूल वैलेंसशीट के पेज व ऑडिट आपत्तियों पर ऑडिटर शशिबाला सहित तीन व्यक्तियों के मूल व मौलिक हस्ताक्षर हैं। सुपरवाइजर, सभापति व इंचार्ज के इस पर कोई हस्ताक्षर अंकित नहीं थे। समिति की ओर से अपने को समिति का सचिव बताकर सत्यपाल सिंह देशपाल के सगे साले बिजेन्द्र पुत्र मांगे राम निवासी गंगोत्री कालोनी रूड़की रोड ने इसे प्रमाणित कर के असल के रूप में 26 नवंबर 2016 को जांच अधिकारी/सहायक आयुक्त सहायक निबंधक उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद लखनऊ के समक्ष वर्ष 2008 की हस्तलिखित पृविष्टियों से एक नयी कुटरचित बैलेंसशीट तैयार कर प्रस्तुत किया। जिसके पेज तीन पर वृहत योग 1390435.89 करके इसमें अंकन पांच लाख गवन करके कूटरचना की गई। जिस पर सभापति के रूप में नरेशपाल के हस्ताक्षर व सचिव के रूप में सत्यपाल सिंह के हस्ताक्षर अंकित हैं। उनको प्रमाणकर्ता के रूप में बिजेन्द्र सिंह के हस्ताक्षर हैं। डा. अजय ने बताया कि उन्होंने सूचना के अधिकार की मार्फत यह बैलेंसशीट हासिल की। इसमें पांच लाख के गवन के साथ इसे असल के रूप में प्रयोग करके अपने वैधानिक अधिकारों का सृजन किया, जो आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 409 व 120-बी का अपराध है।
पूर्व में गिरफ्तार हो चुके हैं एसपी देशवाल
उल्लेखनीय है कि पल्लवपुरम थाने के रुड़की रोड स्थित एप्लाइड एजुकेशन हेल्थ साइंसेज कालेज (सीएईएचएस) के मालिक सत्यपाल सिंह देशवाल को मेडिकल पुलिस ने कालेज से गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे में कोर्ट से वारंट जारी हुआ था। घटनाक्रम साल 2004 का है। उप आवास आयुक्त/ सब रजिस्ट्रार के पद पर रहते हुए इंद्रपान एस्टेट सहकारी आवास समिति लिमिटेड मेरठ की 52 एकड़ जमीन पर भूमाफिया से साठ-गांठ कर समिति को हाईजैक कराकर लगभग 250 से 300 करोड़ का घोटाला करने का आरोप है। इस आवास समिति पर सत्यपाल सिंह देशवाल, राजमोहन, आरपीएस चौधरी कब्जा कराने के उद्देश्य से साल 2004 में तत्कालीन सहकारी अधिकारी आवास राज कुमार के साथ मिलीभगत कर षडयंत्र रचा। इसके बाद इस आवास समिति का फेक रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वनाकर जारी कर दिया। जबकि 18 मार्च 1985 में इस समिति का संख्या 914 पर रजिस्ट्रेशन हुआ था। 2015 में कोर्ट के आदेश पर डोरली निवासी किसान बिजेंद्र सिंह की तरफ से पल्लवपुरम थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले में लखनऊ के गोमतीनगर आवास से पूर्व सहायक आवास आयुक्त वीके चौधरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।