श्री सम्मेद शिखर जी के करेंगे दर्शन, श्री सम्मेद शिखर जी के दर्शन के लिए विश्व जैन संगठन ने मेरठ स्थित ट्रांसपोर्ट नगर कार्यालय पर बैठक करते हुए तैयारी की। शहर से बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग विश्व जैन संगठन के नेतृत्व में झारखंड स्थित शिखरजी जाएंगे। जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से 20 तीर्थंकर श्री सम्मेद शिखरजी से मोक्ष गए हैं जिनमें यहां से मोक्ष जाने वाले अंतिम तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के नाम से ही इस पर्वत को पारसनाथ पर्वत कहा जाता है। यह जैन धर्म का सर्वोच्च तीर्थ है। इस बार 23वां वर्ष, 23वें तीर्थंकर, 23 तारीख श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन मोक्ष हुआ था, जिसे मोक्ष सप्तमी भी कहते है। मोक्ष कल्याणक की पूर्व संध्या पर भव्य भक्ति आराधना का कार्यक्रम मधुबन स्थित तेरापंथी कोठी के मुख्य मंदिर परिसर में होगा जहाँ इंदौर से गायक मयूर जैन अपने भजन प्रस्तुत करेंगे।इस अवसर पर विशेष रूप से मेरठ के कवियुगल सौरभ जैन सुमन और अनामिका जैन अंबर भी अपनी भाव्यंजलि देंगे। देश विदेश से हज़ारों की संख्या में श्रधालु जुटेंगे। यह वर्ष का सबसे मुख्य आयोजन है। प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ कैलाश पर्वत से, बारहवें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य चंपापुर से, बाइसवें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ गिरनार पर्वत से और चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर पावापुर से मोक्ष गए है। विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री सुदीप जैन ने कहा कि हम भावना भाते है कि जिस तरह हम 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक उनकी मोक्ष स्थली पर निर्वाण लाडू चढ़ाकर मना रहे हैं उसी तरह अबकी बार इनके जयेष्ठ 22वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ का मोक्ष कल्याणक भी उनकी मोक्ष स्थली गुजरात के जूनागढ़ जिले के गिरनार पर्वत निर्वाण लाडू चढ़ा कर धूमधाम से मना पाएँ। भारत सरकार के केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा सम्मेद शिखर जी पर पर्यटन एवं अन्य गैर धार्मिक गतिविधियों के विरोध में देशव्यापी आंदोलन चला था। पारस जैन, वैभव जैन, शुभम जैन, अर्पित जैन, आशीष जैन, कुणाल जैन आदि मौजूद रहे। यह जानकारी सुदीप जैन राष्ट्रीय महामंत्री विश्व जैन संगठन ने दी है।