जब हिरासत में ही नहीं तो फरार कैसे, मेरठ के सोतीगंज इलाके रहने वाले सुहेश शीला नाम के शख्स की फरारी की मीडिया की थ्योरी को पुलिस ने एक सिरे से खारिज कर दी है। पुलिस का कहना है कि जिस शख्स की बात की जा रही है जब वह हिरासत में ही नहीं था तो फरार कैसे हो गया। पुलिस ने इसको फेक करार देते हुए जानबूझ कर तथ्यों से एकदम परे खबर करार दिया है।एसओ लालकुर्ती ने बताया कि किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना और हिरासत में लिया जाना दोनों अलग-अलग बाते हैं। बगैर तथ्यों की अधिकारिक पुष्टि किए कोई चीज सामने आना गलत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एक वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश पर थाना पुलिस जब उक्त के सोतीगंज स्थित आवास पर पहुंची तो परिजनों ने गिरफ्तारी पर कोर्ट से स्टे के पेपर प्रस्तुत कर दिए। जिस शख्स की गिरफ्तारी पर कोर्ट का स्टे हैं पुलिस उसको गिरफ्तार कर कैसे कोर्ट की अवमानना कर सकती है। सुहले शीला को हिरासत में लिए जाने की स्टोरी एकदम फेंक है, लालकुर्ती पुलिस ने उसको हिरासत में नहीं लिया था। जब उसको हिरासत में लिया ही नहीं गया तो फिर फरार होने की बात कहां से आ गयी। एसपी सिटी ने भी हिरासत में लिए जाने को लेकर जो कुछ मीडिया में है उस पर हैरानी जतायी। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया कर्मियों ने ही उन्हें फोन कर कर इसको लेकर कुछ बताया था। जो जानकारी मीडिया कर्मियों ने दी जब उसकी जांच कराई गई तो हिरासत में लिए जाने की जानकारी आधारहीन थी। उसको हिरासत में नहीं लिया गया। उसकी गिरफ्तारी पर कोर्ट से स्टे है। पुलिस यह भी मान रही है कि सोतीगंज के सुहेल शीला की हिरासत से फरारी को लेकर उसके निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन इतना साफ है कि कामरान व सुहेश शीला दोनों ही बदमाश हैं। वहीं दूसरी ओर सोतीगंज निवासी कामरान उर्फ जुबैर भी गद्दू गिरोह का वाहन चोर बताया गया है। दोनों पक्षों के बीच विवाद चल रहा है। शुक्रवार रात सुहेल उर्फ शीला व राहुल काला सोतीगंज में म्यूजिक सिस्टम की तेज आवाज में डांस कर रहे थे।