बाप के खिलाफ बेटी पहुंची थाना सदर

बाप के खिलाफ बेटी पहुंची थाना सदर
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बाप के खिलाफ बेटी पहुंची थाना सदर,  मेरठ।  परिजनों पर मर्जी के खिलाफ शादी करने का आरोप लगाते हुए केले वाली कोठी की रहने वाली एक युवती ने शुक्रवार को थाना सदर बाजार पहुंचकर जमकर हंगामा किया। उसने साफ कह दिया कि उसकी मर्जी के खिलाफ जहां परिजन शादी करना चाहते हैं, वहां वह बिलकुल भी शादी नहीं करेगी। थाने में यह युवती जब ज्यादा हंगामा करने लगी तो पुलिस वाले सदर बाजार स्थित एक बडे शादी शोरूम में काम करने वाले उसके पिता को लेकर आयी। इस बीच परिवार के कई अन्य सदस्य भी थाना सदर बाजार आ पहुंचे। वहां कुछ रिश्तेदार भी आ गए। पहले तो परिवार वालों व रिश्तेदारों ने युवती को ही भला बुरा कहना शुरू कर दिया। लेकिन युवती ने उन्हें जब खरी-खरी सुनाई और पुलिस वालों ने भी युवती की तरफदारी की तो सब शांत हो गए। दरसअल थाने के स्टाफ ने बजाए पुलिस वाले बनकर मामले को सुलझाने के एक पारिवारिक मित्र की तर्ज पर मामले को सुलझाना शुरू किया। युवती के पिता से बात की गयी। उनकी पूरी बात सुनी साथ ही यह भी ध्यान रखा कि परिवार वाले यह ना महसूस करें कि उनको अपमानित किया गया है। युवती को लेकर भी उन्हें यही कहा कि उसके विरोध को अन्यथा ना लिया जाए। कानूनी व सामाजिक नफा नुकसान समझाते हुए उन्होंने युवती व परिजनों दोनों से बात की और कहा कि कुछ भी ऐसा ना हो जिससे समाज व जगहसाई हो। साथ ही यह भी कि मर्जी के बगैर कुछ ना किया जाए। परिवार व घर की इज्जत की भी नसीहत युवती को दी। पुलिस वालों के खासतौर से यह ताकिद की कि युवती के साथ किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती या ऐसा कुछ ना करें कि पुलिस घर तक आए। , मेरठ
परिजनों पर मर्जी के खिलाफ शादी करने का आरोप लगाते हुए केले वाली कोठी की रहने वाली एक युवती ने शुक्रवार को थाना सदर बाजार पहुंचकर जमकर हंगामा किया। उसने साफ कह दिया कि उसकी मर्जी के खिलाफ जहां परिजन शादी करना चाहते हैं, वहां वह बिलकुल भी शादी नहीं करेगी। थाने में यह युवती जब ज्यादा हंगामा करने लगी तो पुलिस वाले सदर बाजार स्थित एक बडेÞ शादी शोरूम में काम करने वाले उसके पिता को लेकर आयी। इस बीच परिवार के कई अन्य सदस्य भी थाना सदर बाजार आ पहुंचे। वहां कुछ रिश्तेदार भी आ गए। पहले तो परिवार वालों व रिश्तेदारों ने युवती को ही भला बुरा कहना शुरू कर दिया। लेकिन युवती ने उन्हें जब खरी-खरी सुनाई और पुलिस वालों ने भी युवती की तरफदारी की तो सब शांत हो गए। दरसअल थाने के स्टाफ ने बजाए पुलिस वाले बनकर मामले को सुलझाने के एक पारिवारिक मित्र की तर्ज पर मामले को सुलझाना शुरू किया। युवती के पिता से बात की गयी। उनकी पूरी बात सुनी साथ ही यह भी ध्यान रखा कि परिवार वाले यह ना महसूस करें कि उनको अपमानित किया गया है। युवती को लेकर भी उन्हें यही कहा कि उसके विरोध को अन्यथा ना लिया जाए। कानूनी व सामाजिक नफा नुकसान समझाते हुए उन्होंने युवती व परिजनों दोनों से बात की और कहा कि कुछ भी ऐसा ना हो जिससे समाज व जगहसाई हो। साथ ही यह भी कि मर्जी के बगैर कुछ ना किया जाए। परिवार व घर की इज्जत की भी नसीहत युवती को दी। पुलिस वालों के खासतौर से यह ताकिद की कि युवती के साथ किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती या ऐसा कुछ ना करें कि पुलिस घर तक आए।

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