दरिंदों से बचा तो लो बेटियां-पढ़ भी जाएंगी

दरिंदों से बचा तो लो बेटियां-पढ़ भी जाएंगी
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दरिंदों से बचा तो लो बेटियां-पढ़ भी जाएंगी, मेरठ। पढाई भी हो जाएगी मगर पहले तो सवाल बेटियों को उन दरिंदों से बचाने का है जिनकी वजह से वह मारे दहशत के घर से नहीं निकल पा रही हैं।
दावा बात बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का लेकिन जब बेटी ही सुरक्षित नहीं रहेंगी तो फिर उनकी पढ़ाई का सिस्टम का दम तो बेमाने हैं। पुलिस कार्यालय पहुंचने वाले शिकायतों में साठ फीसदी से ज्यादा शिकायतें बेटियों से संबंधित हैं। इन शिकायतों पर थाना स्तर पर कितना काम हो रहा है, इसका अंदाजा पुलिस कार्यालय पहुंचकर एसएसपी के दरबार में गुहार लगाने वालों की लगातार बढ़ रही संख्या से लगाया जा सकता है।
केस एक
डर लगता है सर
सिविल लाइन थाना क्षेत्र में किराए के मकान में रहने वाली एक महिला व उसका पुत्र शुक्रवार को पुलिस कार्यालय पहुंचे। युवक ने बताया कि उसकी बहन की दस साल पहले हत्या हो चुकी है। बहन की दोनों बेटियों अपनी नानी के यहां रहकर शहर के एक इंटर कालेज में पढ़ रही हैं। कुछ दिन पहले उनकी गली में एक युवक किराएदार के तौर पर आया है। जब वह आया है बेटियों का कालेज जाना दुश्वार हो गया है। इन बेटियों की नानी ने बताया कि उन्होंने अपने मकान मालिक को भी इस मामले में जानकारी दी है। मकान मालिक किसी समारोह में शामिल होने दिल्ली गए हैं। उन्होंने बताया कि शोहदे के डर से बेटियों को कालेज भेजने में अब डर लगता है। महिला ने यह भी बताया कि परिवार का पालन पोषण करने के लिए वह आर्यसमाज मंदिर में नौकरी करती है। अब वह नौकरी पर जाए या अपनी नातियों को कालेज लेने व छोड़ने जाए।
केस दो
कहीं भी सुरक्षित नहीं
बेटियां तो ऐसे कभी सुरक्षित नहीं हैं। चार दिन पहले सदर थाना क्षेत्र स्थित एक जिम में वर्कआॅउट के लिए जाने वाली नाबालिग छात्रा को जिम संचालक आतंकित कर रोडवेज के सामने स्थित एक होटल में ले गया और रेप किया। इस घटना के बाद अब यही कहने लगे हैं कि बेटियां तो कहीं भी सुरक्षित नहीं। ऐसे तो अब घर से निकलना ही बंद कर दें।
केस तीन
क्रिमिनल के कब्जे में नाबालिग
सरुरपुर निवासी सोहनपाल शुक्रवार को एसएसपी पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनकी 14 साल की बेटी एक बदमाश के कब्जे में है। अपहरण का मुकदमा दर्ज करने के बाद भी पुलिस उनकी बेटी को बरामद नहीं कर रही है। 2 मई को उसकी बेटी का अपहरण कर लिया गया।
केस चार
जॉब पर भी नहीं सुरक्षित
स्कूल व जिम ही नहीं सच्चाई तो यह है कि जॉब पर भी आधी आबादी पर सुरक्षित नहीं। एक प्राइवेट बैंक में काम करने वाली मवाना निवासी पीड़िता ने एसएसपी से अपने मैनेजर पर नॉजायज डिमांड रखने का आरोप लगाते हुए बताया कि मैनेजर कहता है कि यदि सेलरी चाहिए तो पहले मुझे खुश करना होगा। यह घटना मेडिकल थाना के शास्त्रीनगर स्थित बैंक की मेनब्रांच की है।
केस पांच
जीवन साथी छीन रहे जीवन
किसी भी युवती के लिए उसके जीवन साथी का साथ सबसे सुरक्षित माना जाता है, लेकिन नौचंदी थाना के ढवाईनगर में जीवन साथी ने ही युवती को गोली से उड़ा दिया। जब जीवन साथी के साथ भी सुरक्षित नहीं तो सवाल तो पूछा जाएगा कि फिर कहां मिलेगी सुरक्षा। हालांकि यह बात अलग है कि पत्नी हंता पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, लेकिन अभी भी कई नामजद फरार हैं।
केस छह
भाई व शौहर साथ फिर भी
भाई व शौहर यदि साथ हो तो फिर कोई भी युवती खुद को सबसे सुरक्षित मानती है। लेकिन यदि भाई व शौहर के साथ होते हुए भी शोहदे छेड़खानी कर दें तो फिर क्या करें। घटना 29 अप्रैल को लिसाड़ीगेट थाना के अंजुम पैलेस इलाके की है। जहां भाई व शौहर के साथ कार से जा रही युवती के साथ छेड़खानी की गयी। विरोध करने पर शोहदों ने भाई व पति पर चाकुओं से हमला बोल दिया।
सख्ती से आ रहे हैं पेश
महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस गंभीर हैं। जो भी सूचना मिलती है दर्ज की जाती है। आरोपियों को जेल भी भेजा जा रहा है। आयुष विक्रम सिंह एसपी सिटी

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