आधी अधूरी तैयारियों के बीच कांवड़ियां की दस्तक

आधी अधूरी तैयारियों के बीच कांवड़ियां की दस्तक
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आधी अधूरी तैयारियों के बीच कांवड़ियां की दस्तक, कांवड़ यात्रा मार्ग पर आधी अधूरी तैयारियों के बीच रविवार को कांवड़ यात्रा नहर पटरी मार्ग तथा दिल्ली देहरादून हाइवे वाया मेरठ एनएच-58 पर कांवड़ियों ने दस्त दे दी है। कांवड़ पटरी मार्ग और एनएच-58 हाईवे दोनों पर ही तैयारियां आधी अधूरी हैं। पहले देहरादून और बाद में 6 जुलाई को मेरठ में मुख्य सचिव व डीजीपी की समीक्षा बैठक में कांवड़ यात्रा-2024 को लेकर जो निर्देश लखनऊ से आए दोनों बड़े अधिकारियों ने दिए थे और दावे व वादे स्थानीय अफसरों ने किए थे, उनके पूरे होने में अभी काफी गुंजाइश बाकि है। ना तो कांवड़ पटरी मार्ग पर तमाम इंतजाम पूरे हो सके हैं और ना ही एनएच-58 हाइवे पर ही जो काम पूर्व में होते आए हैं उनको पूरा किया जा सका है। जिसके चलते कांवड़ियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

कांवड़ पटरी मार्ग

कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ पटरी मार्ग पर जिन इंतजामों का दावा स्थानीय अफसरों ने मुख्य सचिव व डीजीपी से किया था, वो भी पूरे नहीं हैं। कांवड़ पटरी मार्ग पर करीब एक करोड़ से ज्यादा कांवड़िया गुजरता है, लेकिन यहां अभी तक बल्लियों पर लगायी जाने वाले स्ट्रीट लाइटें तक चालू नहीं की जा सकी हैं। हर साल नहर पटरी मार्ग पर कांवड़ यात्रा से पहले सड़क के एक ओर बल्लियां लगाकर उस बिजली के तार टांगे जाते हैं ताकि पथ प्रकाश व्यवस्था करायी जा सके। नहर पटरी मार्ग पर कांवड़ियों की आमद शुरू हो गयी है, लेकिन अभी वहां पर पथ प्रकाश व्यवस्था का काम निपटाया नहीं जा सका है। इस साल अभी तक ठहराव शिविरों का भी माकूल इंतजाम नहीं है। नहर पटरी की सड़क की बात करें तो पेंचवर्क के नाम पर काफी कुछ लिखा जा चुका है। इसके अलावा जो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं सूत्रों ने जानकारी दी है कि कुछ के तार कनेक्ट नहीं किए जा सके हैं।

एनएच-58 हाइवे

हरिद्वार व अन्य स्थानों से दूर गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश सरीखे दूर के राज्यों के कांवड़ियां एनएच-58 हाइवे पर पहुंचने शुरू हो गए हैं। लेकिन इस हाइवे के जो कट हैं वो अभी पूरी तरह से बंद नहीं किए जा सके हैं। शनिवार शाम को इसके लिए काम की शुरूआत हुई हैं। एनएच-58 का मेरठ के परतापुर से लेकर दौराला मोदीपुरम तक का रास्ता काफी लंबा है। इस रास्ते पर कहीं कुछ कट पर अभी केवल बल्लियां लगायी गयी हैं। कटों को बंद नहीं किया गया है। कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए कटों को बंद किया जाना बेहद जरूरी है और पूर्व के सालों में ऐसे होता भी आया है। साइट पर काम कर रहे ठेकेदार की लेबर ने इस संवाददाता को बताया कि पूरे हाइवे पर दो तीन दिन में यह काम निपटा दिया जाएगा। शनिवार की रात को एनएच-58 की स्ट्रीट लाइटें गुल थीं। हाइवे अंधूरे में डूबा हुआ था। हाइवे से अभी तो बड़ी संख्या में डॉक कांवड़ लाने वाले गुजर रहे हैं। इसके अलावा कांवड़ लाने वाले बसों व दूसरे वाहनों से हरिद्वार के लिए रवाना हो रहे हैं। ये वो लोग हैं जो वेस्ट यूपी या फिर दिल्ली व नोएडा या इसके आसपास से कांवड़ लेने के लिए निकलते हैं। दूरदराज के इलाकों की कांवड़ लौटनी शुरू हो गयी हैं।

छह हादसों में कई कांवड़ियां घायल

देहरादून व मेरठ कमिश्नरी में हुई चार राज्यों के अधिकारियों की बैठक में सबसे ज्यादा जोर कांवड़ियों की सुरक्षा पर दिया गया। लेकिन कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले छह अलग-अलग हादसों में अब तक दो दर्जन कांवड़ियां जख्मी हो चुके हैं। मेरठ के खरखौदा व थाना लालकुर्ती के सोफीपुर, खतौली तथा मुजफ्फर नगर में हुए कुल छह हादसों में दो दर्जन कांवड़ियां जख्मी हो चुके हैं, जबकि अधिकृत रूप से कांवड़ यात्रा प्लान आज  रविवार रात 12 बजे के बाद लागू होगा।

तेजी से निपट रहा है काम

कांवड़ यात्रा का जो प्लान तैयार किया है गया है उस पर काम तेजी से निपटाया जा रहा है। नहर पटरी मार्ग व कांवड़ यात्रा के दूसरे मार्गों का लगातार भ्रमण व निरीक्षण किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन के तमाम आला अधिकारी इस पर नजर बनाए रखे हैं। कांवड़ यात्रा सुरक्षित व सुगमता से संपन्न कराने में पुलिस प्रशासन कृत संकल्प हैं। राघवेन्द्र कुमार मिश्रा-एसपी सिटी/नोडल अधिकारी कांवड़ यात्रा

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