ट्रिपल मर्डर-सजा का काउंट डाउन,
सलाखों के पीछें जाग कर कट रही हैं रातें। चंद घंटे बाकि और उसके बाद सजा का एलान। ट्रिपल मर्डर के जो दस आरोपी जेल में रखे गए हैं सलाखों के पीछे भी उनकी कड़ी निगरानी व सुरक्षा की जा रही है। सूत्रों की मानें तो अदालत के द्वारा बराबर का कसूरवार माने जाने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि सजा हो सकता है कि एक सी सुना दी जाए। हालांकि जहां तक सजा की बात है तो उसको लेकर किसी प्रकार का कयास लगाना उचित नहीं, लेकिन हां इतना जरूर सूत्रों ने बताया कि ट्रिपल मर्डर को लेकर सजा का काउंट डाउन शुरू होने के बाद कसूरवार ठहराए गए तमाम लोगों में बेचैनी देखी जा रही है। शीबा सिरोही को महिला बंदियों के साथ कुछ अलग रखा गया है। बताया गया है कि वह भी गुमसुम रहती है। सभी को आम कैदियों वाली डाइट दी जा रही है। नियमित जांच भी की जा रही है। लेकिन उनकी बेचैनी सभी पर जाहिर है।
आज भी डराता है वो मंजर
कोतवाली के गुजरी बाजार के सराय बहलीम में 16 साल पहले 22 मई की वो मनहूस रात जब हाजी इजलाल कुरैशी के साथ झगड़े में मेरठ कॉलेज के छात्र सुनील ढाका (27) निवासी जागृति विहार, पुनीत गिरि (22) निवासी परीक्षितगढ़ रोड और सुधीर उज्जवल (23) निवासी गांव सिरसली, बागपत की निमर्म हत्याकर दी गयी थी। अलगे दिन तीनों के शव बागपत के बालैनी में नदी किनारे पड़े मिले। तीनों को गोलियां मारने के बाद गला काटकर मारा गया था। 31 जुलाई को अदालत ने इजलाल व शीबा सिरोही समेत दस आरोपियों को बराबर का कसूरवार माना है। इनके सजा का एलान कल (आज) होगा। इससे पहले पुलिस ने इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इनमें हाजी इजलाल कुरैशी, परवेज और अफजाल पुत्रगण स्वर्गीय इकबाल, मेहराज पुत्र मेहताब, इसरार पुत्र रशीद, कल्लू उर्फ कलुआ पुत्र हाजी अमानत, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा पुत्र विजय, वसीम पुत्र नसरुद्दीन, रिजवान पुत्र स्वर्गीय उस्मान और बदरुद्दीन पुत्र इलाहीबख्श, शम्मी और माजिद शामिल रहे।
इन्हें बनाया था आरोपी
पुलिस ने इस मामले में हाजी इजलाल, उसके भाई अफजाल व परवेज समेत दस आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। कुल 14 आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल हुई है। इनमें हाजी इजलाल कुरैशी, परवेज और अफजाल पुत्रगण स्वर्गीय इकबाल, मेहराज पुत्र मेहताब, इसरार पुत्र रशीद, कल्लू उर्फ कलुआ पुत्र हाजी अमानत, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा पुत्र विजय, वसीम पुत्र नसरुद्दीन, रिजवान पुत्र स्वर्गीय उस्मान और बदरुद्दीन पुत्र इलाहीबख्श, शम्मी और माजिद के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करते हुए हत्याकांड को साबित करने के लिए कुल 37 गवाहों के नाम दिए। युवती को इस मामले में इजलाल को घटना के लिए उकसाने का आरोपी बनाया गया। इस पर युवती कोर्ट से स्टे ले आई थी।