वाग्देवी ने किया होनहारों का सम्मान, सामाजिक व शैक्षणिक संस्कारों से समृद्ध साहित्यिक वाग्देवी संस्था ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी मेधा का परचम लहराने वाले होनहारों को सम्मान किया। वाग्देवी संस्था ने केवल होनहारों का सम्मान ही नहीं किया बल्कि दूसरे बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में परचम लहराने व सम्मान पाने के लिए प्रेरित भी किया। इस शानदार कार्यक्रम का आयोजन कविवर सुमनेश सुमन ने किया। संस्थापक राजेन्द्र उमंग की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में अनेकों सामाजिक संस्थाओं से जुड़े जुझारू छवि के श्याम मोहन गुप्ता का भी सहयोग रहा। सुमनेश सुमन ने बबताया कि प्रतिभाशाली बच्चों को पुरुस्कृत करने के क्रम में वाग्देवी साहित्यिक संस्था ने महर्षि दयानंद इंटर कॉलेज मोदीपुरम मेरठ में कक्षा 6 से 11 तक के मेधावी विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। अंशुल सुक्रालिया ने 98.36% अंक प्राप्त कर विद्यालय में सर्वोच्च स्थान पाया।
होनहारों का सम्मान नज्म व गजल
इस अवसर पर अंशिका, अलकशा और शीबा खान ने अपनी नज्म व गजलों से सभी का मन मोहा। संस्था की और से सुमनेश सुमन व मनवीर राठी ने स्कूल प्रबंधक राकेश सोम को प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। संगीत शर्मा ने भविष्य की कार्य योजना प्रस्तुत की। गणमान्यों में साहित्यकार प्रमेंद्र, राजेंद्र उमंग, नरेंद्र, योगेश समदर्शी, सुल्ताना एवम शीतल राठी शामिल रही। संचालन सुलतान सिंह सुलतान का रहा। इस अवसर पर जहाँ ,, न केवल स्कूल के बच्चों ने स्वरचित कवितायें प्रस्तुत कर सभी का मन मोहा वहीं कवि सुल्तान सिंह सुल्तान , पत्रकार प्रमेंद्र सागर, योगेश समदर्शी व मनवीर राठी ने काव्य पाठ किया ।।
इस अवसर पर श्याम मोहन गुप्ता ने भी छात्र छात्राओं को संबोधित किया। श्याम जी ने बच्चों से कहा कि असफलता व सफलता के चक्कर में न पड़ने के बजाए केवल एक लक्ष्य तय करें। शिक्षा में आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य का तय करना जरूरी है। पहले लक्ष्य तय करें, फिर उसको हासिल करने के लिए जो प्रयत्न या मेहनत की जा सकती है उसकी प्लानिंग करें। उसके बाद उस लक्ष्य को हासिल करें। जब आप कोई तयलक्ष्य हासिल कर लेते हैं तो फिर दुनिया आपके पीछे होती है। वहीं दूसरी ओर कविवर सुमनेश सुमन ने संस्था की ओर से सभी का आभार प्रकट किया। सम्मान पाकर सभी बच्चे बेहद खुश नजर आए।