सदर जगन्नाथ नाथ मंदिर विवाद काे लगे पंख

सदर जगन्नाथ नाथ मंदिर विवाद काे लगे पंख
Share

सदर जगन्नाथ नाथ मंदिर विवाद काे लगे पंख, मेरठ के सदर स्थित बाबा बिल्लेश्वर नाथ मंदिर के विवाद को एक बार फिर पंख लग गए हैं। इस बार विवाद की वजह पुजारियों की समिति है जिस पर सवाल उठाए जा रहे हैं और पूछा जा रहा है कि मंदिर के पुजारी कब से समिति बनाकर काविज होने लगे हैं। शहर के किसी भी मंदिर में ऐसा नहीं है। पंजारी एंड परिवार की समिति का विवाद वाया प्रशासन होते हुए कैंट विधायक अमित अग्रवाल के दर तक भी जा पहुंचा है।

इस मामले को लेकर गुरूवार को सदर क्षेत्र के तमाम संगठन जिनमें मुकेश अग्रवाल अध्यक्ष श्री वामन भगवान मंदिर समिति जुगल किशोर गर्ग कोषाध्यक्ष श्री वामन भगवान मंदिर समिति समीर खुराना अध्यक्ष गंज बाजार दालमंडी व्यापार संघ रामप्रसाद गुप्ता अध्यक्ष स्वराज्य पथ व्यापार संघ गौरव गुप्ता उपाध्यक्ष स्वराज्य पथ व्यापार संघ अजय अग्रवाल अज्जी उपाध्यक्ष श्री अग्रसेन वैश्य अग्रवाल सभा सत्येंद्र अग्रवाल महामंत्री श्री लक्ष्मी नारायण शिव मंदिर समिति संजय कंसल अध्यक्ष पुलिस स्ट्रीट व्यापार संघ अनुज एरन महामंत्री पुलिस स्ट्रीट व्यापार संघ सुधीर रस्तोगी कोषाध्यक्ष दाल मंडी व्यापार एसोसिएशन सचिन जैन सेतु महामंत्री दाल मंडी व्यापार एसोसिएशन रोहित बंसल अध्यक्ष श्री कृष्ण जन्मोत्सव शोभायात्रा समिति विशाल कंसल कोषाध्यक्ष श्री कृष्ण जन्मोत्सव शोभायात्रा समिति रूपेश श्रीवास्तव उपाध्यक्ष श्रीवास्तव समाज अजय मित्तल अध्यक्ष श्री लक्ष्मी नारायण शिव मंदिर इन सभी के साथ-साथ सदर क्षेत्र के अन्य व्यापार संघ के अध्यक्ष महामंत्री एवं सामाजिक धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारी सामने आ गए हैं। उन्होंने बैठक भी की ओर बताया कि गुरूवार को    प्रातः 11:00 बजे सभी एडीएम सिटी मेरठ के यहां अपनी बात कहने के लिए पहुंचेंगे । इनके अलावा राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी और कैंट विधायक अमित अग्रवाल से भी मिला जाएगा। इस मामले में भाजपा नेता गणेश अग्रवाल का कहना है कि यह मंदिर 115 साल पुराने मंदिर की स्थापना समाज ने की है। इसके संचालन के लिए बनायी गयी समिति ने 65 साल पहले पुजारी सूरजभान को मासिक वेतन पर रखा था। उनकी मृत्यु के उपरांत रामचंद्र शास्त्री व उनके पुत्र मासिक वेतन पर नियुक्त किए गए। उनकी मृत्यु के उपरांत पंड़ित विष्णु शर्मा भी मासिक वेतन पर रखे गए। पं. विष्णु शर्मा ने अपने भाई गणेश दत्त को सहयोग के नाम पर रखा था।  मंदिर में भी आयोजन होते हैं उनको समाज के चंदे के सहयोग से किया जाता है। समिति को विधिक रूप देने के लिए 2016 में ट्रस्ट की स्थापना की गयी। जिसके आधीन कमेटी आयोजनों की व्यवस्था करती है। गणेश अग्रवाल का आरोप है कि विष्णु दत्त ने अपने भाई गणेश दत्त के साथ मिलकर मंदिर को कब्जाने के लिए परिवार के सदस्यो का बना लिया है। यह गैर कानूनी है। समाज इसकी इजाजत नहीं देता। जगन्नाथ जी मंदिर को बचाने के लिए अब समाज के लोग प्रशासन व सरकार के पास जाएंगे। जिन्होंने अवैध कब्जा किया है ताकि उनको खदेड़ा जा सके।

@Back Home

 


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *